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जाली हस्ताक्षर कर 1.51 करोड़ की राशि निकालने वाले तीन कर्मचारी बर्खास्त, 2013 में हुई थी फर्जी नगद निकासी की घटना

डीएम कुमार रवि ने मंगलवार को जिला योजना कार्यालय के तीन कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया है। तीनों कर्मियों पर चेक गायब करने के साथ जाली ह...

डीएम कुमार रवि ने मंगलवार को जिला योजना कार्यालय के तीन कर्मियों को सेवा से बर्खास्त किया है। तीनों कर्मियों पर चेक गायब करने के साथ जाली हस्ताक्षर कर 1,51,28510 राशि की फर्जी निकासी करने के आरोप में दोषी पाया गया है। मामला वर्ष 2013 का है। जिला योजना कार्यालय पटना के तीन कर्मियों द्वारा वित्तीय अनियमितता की गई थी।

इनमें लिपिक सह नाजिर वीरेंद्र कुमार, विकास कुमार यादव, कार्यालय परिचारी जगदीश प्रसाद शर्मा शामिल हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद तीनों कर्मियों के खिलाफ गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तीनों को गिरफ्तार कर हिरासत में लिया गया था। इसके बाद तीनों को निलंबित किया गया था। लेकिन, वे निलंबनमुक्त हो गए।

वर्तमान में बाढ़ अनुमंडल कार्यालय में संप्रति लिपिक के पद पर वीरेंद्र कुमार, दानापुर अनुमंडल कार्यालय में संप्रति लिपिक के पद पर विकास कुमार यादव और जिला योजना कार्यालय में कार्यालय परिचारी के पद पर जगदीश प्रसाद शर्मा कार्यरत हैं।

7 साल चली जांच, फिर कार्रवाई
तीनों कर्मियों को दोषी करार देने में 7 वर्ष का समय लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम गठित की गई थी। इसके बाद प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई शुरू हुई। इसमें अपर समाहर्ता विभागीय जांच को संचालन पदाधिकारी और जिला योजना पदाधिकारी को प्रस्तोता पदाधिकारी बनाया गया। मामले की गहन और सूक्ष्म जांच के बाद तीनों कर्मी दोषी पाए गए हैं। इसके बाद डीएम ने तीनों कर्मियों को बिहार सरकारी सेवक नियमावली- 2005 के तहत सेवा से बर्खास्त किया।

वित्तीय अनियमितता के मामले में होगी कठोर कार्रवाई
डीएम ने कहा कि जिले में पदस्थापित सभी अधिकारी और कर्मियों को पारदर्शिता, जवाबदेही, सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन आवश्यक है। सरकारी वित्तीय कार्यों के निष्पादन के क्रम में जिन कर्मियों के विरुद्ध अनियमितता की शिकायतें पाई जाएंगी, उनके विरुद्ध जांच कर विधिसम्मत कठोर कार्रवाई होगी।

300 अपराधियों पर लगेगा सीसीए, भेजे गए 170 के नाम
चुनाव को लेकर पुलिस की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसी क्रम में आईजी सेंट्रल रेंज संजय सिंह ने पटना और नालंदा के मामलों की समीक्षा की। बताया गया कि दोनों जिलों को मिलाकर कुल 300 शातिर अपराधियों की सूचि बनाई गई है। इन अपराधियों पर सीसीए लगाया जाएगा।

इन 300 अपराधियों में से दोनों जिलों के डीएम को 170 अपराधियों की सूची सौंप दी गई है। अब डीएम की अनुशंसा होते ही ऐसे अपराधियों पर सीसीए लग जाएगा। ऐसे में जो अपराधी जेल से बाहर हैं, उन्हें जिला बदर कर दिया जाएगा और जो जेल में हैं, उन्हें जमानत नहीं मिलेगी।
चुनाव को देखते हुए पटना और नालंदा पुलिस को कई दिशा निर्देश दिए गए हैं। दोनों जिलों के थाने की पुलिस अपने-अपने इलाके के बदमाशों और संदिग्धों को थाना बुलाकर उनसे बांड भरवा रही है, ताकि चुनाव के समय से कुछ गड़बड़ न करें। दोनों जिलों में कुल 35 सौ संदिग्धों से पुलिस ने बांड भरवाया है। वहीं समीक्षा के दौरान आईजी ने पाया कि दोनों जिलों में कुल 45 सौ वारंट का तामिला नहीं हो पाया है। आईजी ने दोनों जिलों के एसपी को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द वारंट का तामिला हो।



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प्रतीकात्मक फोटो।


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