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दरभंगा में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने स्काॅर्पियों से 1 करोड़ 11 लाख बरामद किए, एक व्यक्ति चलती गाड़ी से कूदकर भागा; दो गिरफ्तार

विधानसभा चुनाव में कालेधन का खेल शुरू हो गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे ही एक मामले में दरभंगा के हुमाननगर से एक स्काॅर्पियो से 1 करोड़ 1...

विधानसभा चुनाव में कालेधन का खेल शुरू हो गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे ही एक मामले में दरभंगा के हुमाननगर से एक स्काॅर्पियो से 1 करोड़ 11 लाख 9 हजार रुपए नकद बरामद किया है। बिहार में चुनाव की घोषणा के बाद बरामद की गई यह अबतक की सबसे बड़ी रकम है। इसके पहले पटना में 75 लाख रुपए पकड़े गए थे।

दरभंगा में यह बरामदगी सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में की है। सशस्त्र सीमा बल के अनुसार दोपहर लगभग 12.30 बजे विधानसभा चुनावी ड्यूटी में तैनात एसएबी की नाका पार्टी ने 1 करोड़ 11 लाख रुपए जब्त किया है।

एसएसबी की 51वीं बटालियन के समवाय कंपनी कमांडर राजयूल केशांग के नेतृत्व में जवानों ने दरभंगा के विशुनपुर थाना क्षेत्र के हनुमाननगर में नाका के दौरान एक स्काॅर्पियों(नंबर-बीआर05पीए-5060) को जांच के लिए रोका। तलाशी के दौरान स्काॅपियो से मधुबनी के रहने वाले रोहित खंडवाल और चालक संतोष पासवान के पास से नकदी के रूप में यह रकम बरामद की।

पूछताछ में दोनों व्यक्तियों ने बताया कि सुबह 4 बजे मधुबनी के जयनगर से समस्तीपुर गए थे। वहां पुरुषोत्तम झा नाम के व्यक्ति से पैसा लिया और उन्हीं को देने जयनगर जा रहे हैं। पुरुषोत्तम झा से समस्तीपुर में पैसा लेकर फिर उसे ही पैसा देने जयनगर क्यों जा रहे हो। इसपर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

पुलिस के अनुसार वहां एसएसबी के अनुसार बरामद रकम के विषय में आगे की जांच की जा रही है। दूसरी ओर काली चेकपोस्ट से एक गाड़ी से1 लाख 73 हजार रुपए और एक अन्य गाड़ी से 450 ग्राम सोना बरामद किया गया है। इसके पहले बिहार में जांच अभियान के दौरान 19746821 रुपए बरामद किए जा चुके हैं। इसके खासबात यह है कि बिहार में 34 लाख से अधिक नेपाली करंसी भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा अलग-अलग स्थानों से नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं।
बात करने के बाद पानी में फेंक दिया मोबाइल
आधार कार्ड से रानीगंज, बंगाल का निवासी पाया गया, जबकि पूछने पर बताया कि जयनगर में दीदी हैं। उनके यहां रहता हूं। इस प्रकार बार-बार बयान बदलता रहा। न तो स्रोत सही से बताया और न ये कि पैसा किसको और कहां देना था। मोबाइल चेक किया गया तो पुरुषोत्तम से बातचीत नहीं है। पूछने पर बताया कि नोकिया का छोटा मोबाइल था, उनसे बात करने के लिए। पानी में फेंक दिया। पहले 50 लाख ही बरामद हुए थे। फिर तलाशी लेने पर बाकी पैसा मिला। पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है।

आधार कार्ड से बंगाल का निवासी पाया गया
एसएसपी ने बताया कि बिना डिटेल के कंपनी को हिसाब कैसे देंगे पूछने पर कहा कि दुकानदारों से नहीं बल्कि पुरुषोत्तम झा ने रुपए दिए हैं। कहा कि मुक्तापुर के पास एक सीमेंट दुकान के पास सड़क पर दिए हैं। इनका घर जयनगर मधुबनी में है। वहां से सुबह 4 बजे चले थे। पुरुषोत्तम ने बुलाया था। 8 बजे समस्तीपुर पहुंचे। दो घंटे तक इंतजार किए और 10 बजे पैसे लिए। आधार कार्ड से रानीगंज, बंगाल का निवासी पाया गया।

जिस कार से पैसे बरामद हुए उसमें ये दो लोग सवार थे।

पूछताछ में कहा-नर्वस हो गया हूं, एक फोन करने दें
पुलिस के अनुसार दोनों पुरुषोत्तम का पता न ही ऑफिस बता पाए। कंपनी में 5 साल से काम कर रहे हैं। 12000 महीना सैलरी मिलती है। कंपनी के मालिक को भी नहीं जानते। पैसा कहां और किसको देना था? तो जबाव दिया कि पुरुषोत्तम को जयनगर में देना था। जबकि, पहले पुरुषोत्तम से समस्तीपुर में रुपए लेने की बात कही थी। फिर उन्हीं को जयनगर में क्यों देना है? क्या वह इतनी जल्दी जयनगर पहुंच गए होंगे? क्या वह खुद पैसा नहीं ले जा सकते थे? पूछताछ में कहा कि नर्वस हो गया।



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सिटी एसपी अशोक प्रसाद के सामने बरामद कैश की जांच करती पुलिस टीम।


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