सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 28 सितंबर से 14 दिनों का अभियान चलाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को दवाइयां ...
सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 28 सितंबर से 14 दिनों का अभियान चलाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को दवाइयां दी गई। जिला फाइलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राजेन्द्र ने बताया कि लिंफेटिक फाइलेरियासिस या हाथीपावं ऐसा रोग है।
जिसका सम्पूर्ण इलाज संभव नहीं लेकिन संक्रमित व्यक्ति लगातार 5 सालों तक डीईसी और एल्बेंडाजोल की एक –एक गोली बिना लापरवाही किए ले तो संक्रमण का फैलाव रुक जाता है। इन दवाओं से कोई नुकसान नहीं है और यह सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध हैं। सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत गठित ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेटर टीम द्वारा अब तक समुदाय में 83,48,000 डाई इथाइल कार्बामाजिन(डीईसी) और 33,40,000 एल्बेंडाजोल का वितरण किया गया है।
जागरुकता से ही बचाव
फायलेरिया इंस्पेक्टर रामानंद ने बताया कि फाइलेरिया का संक्रमण बचपन में होता है और मरीज के लिम्फैटिक सिस्टम(लाशिका तंत्र) को नुकसान पहुंचाता है जिसका परिणाम शरीर के संक्रमित हिस्से में आंशिक या पूर्ण विकलांगता के रूप में देखा जाता है। स्वास्थ्य के प्रति की गयी एक छोटी सी लापरवाही भी कई रोगों को न्यौता देने के लिए काफी है। अभी तो कोरोना के कारण और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
इसलिए यदि ज्यादा दिनों तक बुखार रहे, पुरुष के जननांग या महिलाओं के स्तन में दर्द या सूजन रहे और खुजली हो, हाथ-पैर में भी सूजन या दर्द रहे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर चिकित्सा शुरू करवाना चाहिए। यह एक घातक रोग है जिससे बचने के लिए दवा का डोज़ पूरा करना जरूरी है। यह रोग क्यूलेक्स मच्छर से होता है जो गंदगी में पनपते हैं। इसके काटने से पुवेरिया परजीवी शरीर को संक्रमित कर देती है जिसके लक्षण दिखने में सालों लग जाते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34RYWWx
https://ift.tt/3nVqpzp
No comments