अहियापुर के झपहां उदन की रहने वाली बुआ-भतीजी की हत्या शव मिलने के चार दिन पूर्व ही कर दी गई थी। ऐसा दोनों शव के पाेस्टमार्टम से जुड़े सूत्र...
अहियापुर के झपहां उदन की रहने वाली बुआ-भतीजी की हत्या शव मिलने के चार दिन पूर्व ही कर दी गई थी। ऐसा दोनों शव के पाेस्टमार्टम से जुड़े सूत्राें का कहना है। तीन अक्टूबर काे दोनों के शव का पाेस्टमार्टम हुआ था। 28 सितंबर की शाम से दोनों घर से गायब थीं। यानी गायब हाेने के अगले दिन दोनों की हत्या कर दी गई। फिर दाे दिनाें तक शव काे कहीं छिपा कर रखा गया।
इसके बाद पानी भरे गड्ढे में फेंक दिया गया। इधर, एफएमटी विभाग ने दाेनाें किशाेरियाें के शव से पाेस्टमार्टम के दाैरान लिए गए नमूने और स्वाब को जांच के लिए पैथाेलाेजी विभाग काे भेज दिया है। हत्या से पहले किशाेरियाें के साथ दुष्कर्म हुआ था या नहीं, इसे स्पष्ट हाेने में तीन दिन लगेंगे। हत्या किस तरह की गई थी, यह बिसरा नमूनाें की जांच से स्पष्ट हाेगी।
पिता ने कहा- शव मिलने से 3 घंटे पहले गड्ढे के पास खाेजबीन कर लाैटा था, कुछ नहीं मिला था : थाने में शिकायत दर्ज कराने वाले पिता ने बताया कि गड्ढे से 2 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे के बाद शव मिला था। जबकि, वहां पर एक अक्टूबर को उनलोगों ने खाेजबीन की थी, तो कुछ नहीं था। आखिरी 3 घंटे में वहां शव कैसे सामने आया। इससे स्पष्ट हाेता है कि किसी ने दाेपहर 12 बजे के बाद शव को पानी भरे गड्ढे में डाला था।
अहियापुर थानेदार करेंगे इस हत्याकांड की जांच: रेयर कांड हाेने के कारण इस हत्याकांड की जांच अहियापुर थानेदार दिनेश कुमार खुद करेंगे। केस में हत्या की धाराएं भी जोड़ी जाएंगी।
मां से पूछताछ के बाद पुलिस ने दाे काे उठाया
अहियापुर थाने की पुलिस ने दाेनाें किशाेरियाें की मां से पूछताछ के बाद दाे संदिग्धाें काे उठाया है। वरीय पुलिस अधिकारी दाेनाें से पूछताछ कर रहे हैं। माेबाइल पर काॅल के बारे में जानकारी ली जा रही है। बताया जा रहा है कि दाेनाें मृत किशाेरियाें में एक से माेबाइल पर युवकाें की बात हाेती रही है।
इन 6 कारणों से अब तक उलझा रहा केस
- 28 सितंबर की शाम में दोनों गायब हुईं। रात भर खाेजबीन के बाद 29 को पिता ने थाने में आवेदन दिया।
- दो दिन पुलिस ने काेई कार्रवाई नहीं की, न ही गायब किशाेरी के माेबाइल की काॅल डिटेल सर्विलांस से ली।
- सवाल है कि दो दिनों तक किसने पुलिस काे इस मामले में एफआईआर दर्ज करने से राेक रखा था।
- पुलिस से सहयाेग नहीं मिला ताे परिजनाें ने 4 युवकाें काे स्वयं चिह्नित कर समाज द्वारा दबाव बनवाया।
- चाराें संदिग्धाें से एक अक्टूबर काे भी पुलिस ने पूछताछ नहीं की और न ही माेबाइल लाेकेशन खंगाला।
- जिस गड्ढे से दाेनाें के शव मिले थे, वहां पर फाॅरेंसिक एक्सपर्ट से जांच हाेनी चाहिए थी, जो नहीं हुई।
एक्सपर्ट व्यू
शव पुराना हाेने के बाद मौत का कारण पता कर पाना कठिन हाे जाता है। दुष्कर्म की स्थिति में 48 घंटे से अधिक समय गुजर जाने पर स्पर्म आदि नहीं मिल पाता है। ऐसे में पैथाेलॉजी रिपाेर्ट सामने आने के बाद ही किसी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। डूबने से माैत की स्थिति में फेफड़े में पानी आता है। यदि फेफड़े में पानी नहीं है ताे माैत डूबने से नहीं हुई हाेगी।
- डाॅ. जावेद महमूद, रिटायर्ड डीएसपी।
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