(गिरिजेश कुमार) हथियार आम तौर पर आत्मरक्षार्थ इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन बात अगर नेताओं की हो तो यहां हथियार रखना शौक है। दबंगई की मुहर ...

(गिरिजेश कुमार) हथियार आम तौर पर आत्मरक्षार्थ इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन बात अगर नेताओं की हो तो यहां हथियार रखना शौक है। दबंगई की मुहर है। पब्लिक को भी पसंद है, तभी तो 25% से अधिक वैसे लोग विधायक बने जिनके पास असलहे थे। यह परिदृश्य किसी एक दल में नहीं, सभी में है।
सिंबल आवंटन में सिटिंग-गेटिंग का फार्मूला चला तो हथियारों के शौकीन 63 विधायक फिर मैदान में होंगे। नेताओं के हथियार रखने की वजह चाहे जो हो, लेकिन उनमें राइफल, पिस्टल और रिवॉल्वर के प्रति गजब का आकर्षण है। 4 विधायकों की पत्नी भी राइफल और रिवॉल्वर की शौकीन हैं।
वहीं, गोविंदपुर विधायक पूर्णिमा यादव के पति भी हथियार रखते हैं। दूसरी ओर, जिन 63 लोगों ने हथियार रखा है, उनमें 45 पर आपराधिक मामले भी हैं। सिर्फ 18 ऐसे हैं जिन पर कोई केस नहीं है। सबसे अधिक 28 मामले डुमरांव से जदयू विधायक ददन यादव पर है।
15 मामले मटिहानी से जदयू विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह पर है। तीसरे नंबर पर 9 मामलाें के साथ बिहारशरीफ से भाजपा विधायक डॉ. सुनील सिंह है। बिहपुर से विधायक राजद की वर्षा रानी के पास भी पिस्टल है।
इन विधायकों के जीवनसाथी के पास भी हथियार
- अशोक कुमार सिंह, रफीगंज, जदयू - राइफल, गन, रिवॉल्वर
- ददन यादव, डुमरांव, जदयू - राइफल, रिवॉल्वर
- केदारनाथ सिंह, बनियापुर, राजद - राइफल
- प्रह्लाद यादव, सूर्यगढ़ा, राजद - राइफल बोर
- पूर्णिमा यादव, गोविंदपुर, कांग्रेस - रिवॉल्वर, राइफल गन।
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