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क्या सुमन मल्लिक के बहाने नीतीश कुमार कायस्थ समाज को खुश करेंगे ?

बिहार की राजनीति में कायस्थों का मत उसी को मिला है जिसने राज्य के विकास की बात की है। राज्य में पिछले कई वर्षो से कायस्थों ने जदयू-भाजपा के ...




बिहार की राजनीति में कायस्थों का मत उसी को मिला है जिसने राज्य के विकास की बात की है। राज्य में पिछले कई वर्षो से कायस्थों ने जदयू-भाजपा के प्रति अपना विश्वास जताते आया है और देखना यह है की इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में कायस्थों का वोट एनडीए, महागठबंधन या फिर तीसरा मोर्चा को जाता हैं। ज्ञात होगा की पिछले कई वर्ष से नीतीश सरकार में किसी भी कायस्थ समाज के प्रतिनिधित्व को गंभीरता से नहीं लिया गया है। बीते वर्षों में राज्य मंत्रिमंडल में स्व० सुधा श्रीवास्तव ही कायस्थ समाज की अंतिम प्रतिनिधि थी। उनके बाद राज्य में किसी भी सरकार में कायस्थों को भागीदारी नहीं मिली है। बिहार में वर्षों से नीतीश सरकार में सभी जातीय के समरसता को साधने का प्रयास किया गया है, उसमें सवर्ण समुदाय में सिर्फ कायस्थ समुदाय को ही जगह नहीं मिल पाया है। ऐसा नहीं है की मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के पास  कायस्थ समाज के नेताओं की कमी हैं, उनके पास सुमन कुमार मल्लिक जैसे कायस्थ नेता हैं, जिनका प्रभुत्व पूरे बिहार के कायस्थ समाज पर है। सूत्रों का भी कहना है की कुम्हरार विधान सभा क्षेत्र के मतदाताओं की इच्छा है की इस चुनाव में श्री मल्लिक उनके क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करें।


वही, सुमन कुमार मल्लिक जिसने दो वर्ष पूर्व तत्कालीन निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ० अशोक चौधरी के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को छोड़कर जनता दल (यूनाइटेड) की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। श्री मल्लिक उस वक्त बिहार में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता हुआ करते थे। फ़िलहाल श्री मल्लिक वर्तमान में जद(यू) के वरिष्ठ सचिव हैं और आये दिन टीवी-अख़बार में नज़र आते रहते हैं। वे बिहार में कायस्थ समुदाय के बेहद साफ़- सुथरा और ईमानदार राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में जाने जाते हैं। श्री मल्लिक बिहार की राजनीति में पिछले 4 दशक से भी अधिक समय से मुख्यधारा में रहते हुए सक्रिय है।


मगर, देखना यह हैं की कायस्थ समाज के वरिष्ठ नेता और जद(यू) के सचिव श्री सुमन कुमार मल्लिक की भूमिका इस बिहार विधानसभा में क्या होगी। क्या जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीतीश कुमार उन्हें राजधानी पटना के अंतर्गत आने वाली कुम्हरार विधानसभा सीट से एनडीए उम्मीदवार बनाएंगे। लेकिन मुश्किल यह है की, क्या बीजेपी अपनी ये परंपरागत सीट जद(यू) को देगी। एक तो चर्चा जोड़ो से ये भी हैं की बिहार विधानसभा चुनाव के समापन के बाद श्री सुमन कुमार मल्लिक को राज्यपाल कोटे से बिहार विधान परिषद् के लिए भी मनोनीत किया जा सकता हैं। या फिर पुनः अगर श्री नीतीश कुमार की सरकार आती हैं तो उन्हें किसी बड़े आयोग, निगम का अध्यक्ष बना कर राज्यमंत्री का दर्जा दिया जा सकता हैं। अब समय ही बतायेगा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार श्री मल्लिक के बहाने क्या एक अच्छा सन्देश इस समाज के बीच देंगे।

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