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एक साल में भी जिले में नहीं हो रहा जमीन का दाखिल-खारिज, 56260 आवेदन हैं लंबित

राज्य सरकार ने जमीन का म्यूटेशन तथा उससे संबंधित विवादों को खत्म करने के लिए सभी कागजातों को ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत ऑनलाइन आवेदन करने ...

राज्य सरकार ने जमीन का म्यूटेशन तथा उससे संबंधित विवादों को खत्म करने के लिए सभी कागजातों को ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत ऑनलाइन आवेदन करने वालों की जमीन का दाखिल-खारिज कम से कम 21 दिनों और अधिकतम 63 दिनों में करने का प्रावधान है। लेकिन, निर्धारित अवधि के बाद भी जिले में जमीन का दाखिल-खारिज नहीं हो पा रहा है। कई आवेदन तो एक साल से लंबित है।

भू-स्वामियों को इस कारण लगातार अंचल कार्यालय की भागदौड़ करनी पड़ रही है। जमीन के दस्तावेजों को ऑनलाइन करने के पीछे सरकार का उद्देश्य था कि इससे जमीन संबंधी विवाद व अंचल कार्यालयों में भ्रष्टाचार खत्म होगा। लेकिन, सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को अपने लाभ के लिए अंचलाधिकारी और सीआई से लेकर राजस्व कर्मचारी तक मिल कर पलीता लगा रहे हैं।

पूर्व में आरटीपीएस काउंटर से आवेदन होने के बाद भी उसमें कागजातों की कमी बताकर मामले को रिजेक्ट कर दिया जाता था या पेंडिंग में डाल दिया जाता था। अब भू-धारियों को ऑनलाइन आवेदन के साथ कागजातों को अपलोड करना होता है। ऑनलाइन दाखिल-खारिज के लिए 1 जनवरी 2020 से अब तक अंचल कार्यालयों को मिले 177631 आवेदनों में 56260 पेंडिंग हैं। इसमें निर्धारित समय 21 दिन के बाद भी 51065 लोगों तथा 63 दिन के बाद भी 2718 लोगों की जमीन का दाखिल-खारिज नहीं हुआ है।

50 प्रतिशत मामलों में ही हो रहा दाखिल-खारिज
ऑनलाइन आवेदन करने वालों में से 50 फीसदी आवेदकों की जमीन का दाखिल-खारिज हो पा रहा है। बाकी आवेदनों को पेंडिंग में डाल दिया जा रहा है। जिससे बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। लंबित रहने वाले मामले को अंततः रिजेक्ट कर अधिकारी अपना पिंड छुड़ा लेते हैं।

34 हजार आवेदनों को किया जा चुका है रिजेक्ट
बड़ी संख्या में अंचल कार्यालयों से ऑनलाइन आवेदनों को रिजेक्ट किया जा रहा है। वर्तमान समय मिले आवेदनों में 87308 का ही निष्पादन हुआ है। बाकी 34063 मामले रिजेक्ट कर दिए गए हैं। वर्तमान समय 56260 केस प्रखंडों में पेंडिंग हैं।

बाढ़ एवं चुनाव के कारण बड़ी संख्या में मामले लंबित
बाढ़ एवं चुनाव के कारण बड़ी संख्या में दाखिल-खारिज के मामले लंबित हो गए हैं। इसके लिए विशेष मुहिम चलाकर नवंबर अंत तक 70 प्रतिशत तथा 31 दिसंबर तक 80 प्रतिशत मामलों को निष्पादित कर दिया जाएगा। -स्वप्निल, डीसीएलआर पूर्वी, मुजफ्फरपुर



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Land not being filed in district even in one year - 56260 applications pending


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