पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए। सोमवार को नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होते ही उन्हें विजयी...

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए। सोमवार को नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होते ही उन्हें विजयी घोषित कर दिया गया। उनका कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक का है। प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल ने उन्हें जीत का प्रमाणपत्र सौंपा। उनके एकमात्र उम्मीदवार होने के कारण 14 को होने वाले चुनाव की नौबत ही नहीं आई।
मोदी ने 2 दिसंबर को राज्यसभा के लिए नामांकन किया था। भाजपा ने उन्हें बिहार से रिक्त राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए 27 नवंबर को उम्मीदवार घोषित किया था। मोदी चारों सदन के सदस्य बनने वाले बिहार के तीसरे नेता हैं। वे लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद के बाद अब राज्यसभा के भी सदस्य होंगे।
उनके पहले लालू प्रसाद और नागमणि को ही यह अवसर प्राप्त हुआ है। मोदी लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद रिक्त हुई सीट से राज्यसभा जाएंगे। भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद खाली हुई सीट पर वर्ष 2019 में पासवान को राज्यसभा भेजा था। ऐसे में भाजपा की सीट फिर से भाजपा के पास आ गई है।
जीत के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री भी हुए शामिल, मोदी को दी बधाई
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने जाने पर बधाई दी। नीतीश, राज्यसभा के लिए विजयी प्रत्याशी को प्रमाणपत्र सौंपने के कार्यक्रम में शामिल हुए। यह बिहार विधानसभा के पुस्तकालय में आयोजित था। इस दौरान उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल सहित बिहार सरकार के मंत्री, विधायक, विधान पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।
राज्यसभा में बिहार भाजपा के अब 4 सदस्य, जदयू के हैं पांच
सुशील मोदी के राज्यसभा में चुने जाने के बाद राज्यसभा में बिहार भाजपा की संख्या बढ़कर चार हो गई है। उनके पहले गोपाल नारायण सिंह, सतीश चन्द्र दुबे, विवेक ठाकुर राज्यसभा जा चुके हैं। हालांकि अभी भी वह जदयू और राजद से नीचे है।
फिलहाल जदयू और राजद के पांच-पांच जबकि भाजपा के चार सदस्य हैं। एक सदस्य कांग्रेस का है। मोदी महज दस वर्ष की उम्र में ही आरएसएस से जुड़े। संघ के प्रचारक के नाते विद्यार्थी परिषद के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बने। 1974 में जेपी आंदोलन व आपातकाल के दौरान 5 बार मीसा में गिरफ्तार हुए और जेल की सजा काटी।
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