प्रदूषण जांच केंद्र से ऑनलाइन सरकारी राजस्व की कटौती होगी। यह आदेश एक जनवरी से 2021 से लागू होगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला परिवहन...
प्रदूषण जांच केंद्र से ऑनलाइन सरकारी राजस्व की कटौती होगी। यह आदेश एक जनवरी से 2021 से लागू होगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी रामबाबू ने बताया कि सभी वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की द्वारा पीयूसी प्रीपेड मॉड्यूल के माध्यम से सरकारी राजस्व जमा किया जाएगा। इस बारे में राज्य स्तर से निर्देश प्राप्त है कि वाहन जनित प्रदूषण की रोकथाम आवश्यक है।इस दृष्टिकोण से वाहन प्रदूषण जांच केंद्र की भूमिका अहम हो जाती है। इसके लिए न केवल वाहन प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या में व्याप्त वृद्धि की जाए इन केंद्रों के द्वारा नियमित रूप से कार्य कराना भी सुनिश्चित किया जाए। सभी वाहन जांच केंद्रों से प्रमाण पत्र निर्गत करने के विरुद्ध प्राप्त सरकारी राजस्व का विवरण नहीं मिल पा रहा है।
इसके लिए निर्देशित किया गया है कि एक जनवरी से सभी प्रदूषण जांच केंद्रों पर एनआईसी द्वारा विकसित प्रीपेड मॉड्यूल पर ही कार्य किया जाएगा। इस मॉड्यूल के तहत जांच केंद्र के अनुज्ञप्तिधारी द्वारा राशि का भुगतान कर अग्रिम में रिचार्ज कराया जाएगा एवं प्रमाण पत्र निर्गमन के साथ ही सरकारी राजस्व का हिस्सा कट जाएगा। एक जनवरी से यह मॉड्यूल लागू नहीं करने वाले प्रदूषण जांच केंद्रों के विरुद्ध जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा कार्यवाही भी की जाएगी।
चार पेट्रोल पंप पर ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्र
जिले के चार पेट्रोल पंप पर ही वाहन प्रदूषण जांच केंद्र की सुविधा उपलब्ध है। जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि जिले में 13 वाहन प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हो रहे हैं।सभी संचालकों को विभागीय निशा निर्देश के आलोक में निर्देशित किया गया है। केंद्र संचालकों के साथ मीटिंग कर इस आशय की सूचना दी जा चुकी है। इसके अलावा सभी प्रखंडों में वाहन प्रदूषण जांच खोलने हेतु विभाग की ओर से कार्य किया जा रहा है। बता दें कि वाहन प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया गया है। वाहनों की जांच के दौरान वाहन प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट नहीं पाए जाने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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