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सियासी बिसात पर अविश्वास प्रस्ताव की चाल, पति और पत्नी दाेनाें की कुर्सी पर मंडराने लगा खतरा

साल बीतने में महज 25 दिन शेष हैं। माैसम का मिजाज सर्द हाेने लगा है, लेकिन शहर का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। सियासी बिसात बिछ गई है ...

साल बीतने में महज 25 दिन शेष हैं। माैसम का मिजाज सर्द हाेने लगा है, लेकिन शहर का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। सियासी बिसात बिछ गई है और अविश्वास प्रस्ताव की चाल से पति जिला परिषद अध्यक्ष टुनटुन साह और पत्नी मेयर सीमा साहा की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। दाेनाें की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक तरफ नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर के खिलाफ विराेधियाें ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। इस पर 9 दिसंबर काे दाेनाें काे बहुमत साबित करना हाेगा।

अभी पत्नी मेयर सीमा साहा के पक्ष में निगम के पार्षदाें काे एकजुट करने में जिला परिषद अध्यक्ष टुनटुन जुटे थे कि मामला और उलझ गया। जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ भी 7 पार्षद अविश्वास ले अाए। इससे पति टुनटुन साह और पत्नी मेयर सीमा साहा दाेनाें की परेशानी बढ़ गई है। टुनटुन साह के खिलाफ डीएम व डीडीसी काे शनिवार काे आवेदन दिया गया है। रविवार हाेने से इस पर काेई पहल नहीं की जा सकी। अब साेमवार से जिला परिषद की राजनीति भी गरमाएगी।

पार्षदाें ने जिला परिषद अध्यक्ष काे भी आवेदन दिया है। इसमें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुलाने की बात कही गई है। अब साेमवार काे दफ्तर खुलने पर आवेदन पर पहल हाेने की संभावना है।

15 दिन में बैठक, सप्ताहभर पहले सदस्याें काे देंगे सूचना

कार्यकाल पूरा हाेने से 6 माह पहले जिप अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ सकता है। टुनटुन साह ने 22 जून 2016 काे शपथ ली थी। कार्यकाल खत्म हाेने में केवल 6 माह 16 दिन बाकी है। सारा खेल अब 16 दिनाें पर हाेगा। बताते हैं, आवेदन देने के 15 दिनाें में बैठक का प्रावधान है। इसकी सूचना सदस्याें काे मीटिंग की तिथि से सप्ताहभर पहले भेजना है।

15 दिन का समय 19 दिसंबर काे पूरा हाेगा। यानी बैठक 20 दिसंबर तक हाे सकती है। जिप अध्यक्ष के बैठक की तारीख तय करने के बाद डीएम काे पत्र भेजेंगे। फिर डीएम स्तर से सप्ताहभर में पार्षदाें काे सूचना मिलेगी।तब प्रस्ताव पर बैठक के बाद बहुमत साबित करना हाेगा।

दाेनाें खेमा सदस्याें से संपर्क करने में जुटा

शनिवार काे 7 पार्षद वीरबल कुमार, शिव कुमार, प्रीति कुमारी, विपिन कुमार मंडल, साेनी कुमारी, माला देवी और प्रेमलता देवी ने अविश्वास का आवेदन दिया था। आवेदन देने के साथ ही दाेनाें खेमे में सरगर्मी तेज हाे गई है। एक तरफ विराेधी एक-दूसरे से संपर्क करने में जुटे हैं और 7 की संख्या बढ़ाने में जुट गए हैं। दूसरी तरफ जिप अध्यक्ष टुनटुन साह का खेमा भी सक्रिय हाे गया है। उन लाेगाें के स्तर से अपने समर्थन में पार्षदाें काे गाेलबंद कर रहे हैं। विभिन्न दलाें के नेता भी अंदरुनी रूप से सक्रिय हाे गए हैं।

कराएं गुप्त मतदान, उपनगर आयुक्त वर्मा को इस प्रक्रिया से अलग रखें: संजय सिन्हा

बहुमत के दिन हाेने वाली बैठक से उप नगर आयुक्त सत्येंद्र प्रसाद वर्मा को अलग रखने की मांग पार्षद संजय कुमार सिन्हा ने की है। उन्होंने नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शिनी से मांग की है कि चर्चा के तुरंत बाद गुप्त मतदान कराई जाए। इस प्रक्रिया से उपनगर असयुक्त सत्येंद्र प्रसाद वर्मा काे अलग रखा जाए। सिन्हा ने गुप्त मतदान के दाैरान वर्मा से हाेने वाली गड़बड़ी काे नहीं राेक पाने की आशंका जताई है।

दोनों पार्षदाें का लगातार बदल रहा ठिकाना

सत्ता पक्ष व विरोधी खेमे की गोलबंदी जोर-शोर से चल रही है। दोनों ओर के पार्षदों को अलग समूह में रखा गया है। किसी खेमे को एक-दूसरे की भनक न लगे, इसलिए लगातार उनके ठिकाने बदले जा रहे हैं। शहर के एक डाॅक्टर के नेतृत्व में सत्ता पक्ष के 8 पार्षद झारखंड में हैं। शनिवार को वे सिलीगुड़ी में थे।

विपक्ष का जत्था एक छात्र संगठन के नेतृत्व में पहले पटना में था। अब देवघर पहुंचा। 6 पार्षद ऐसे हैं, जाे दाेनाें तरफ हैं। दोनों पक्षों को ऐसे पार्षदों से डर भी सता रहा है। दाेनाें पक्ष 32-32 पार्षदाें के समर्थन का दावा कर रहे हैं। बता दें कि बहुमत के लिए 26 पार्षदाें का हाेना जरूरी है।

सांसद अजय मंडल का नाम उछाला, कहा हर वार्ड में अपनी निधि से देंगे 10-10 लाख

नगर निगम में मेयर-डिप्टी मेयर की कुर्सी की रस्साकशी में नया सियासी ड्रामा सामने आया है। तख्तापलट की राजनीति में अब सांसद अजय मंडल का नाम भी सामने आया है। सत्ता व विपक्ष के पार्षदों में अन्य माध्यमों से यह प्रलोभन देने की बात सामने आई कि सांसद फंड से 10-10 लाख रुपए सभी वार्डों के विकास के लिए दिए जाएंगे। इस सूचना पर कई लोगों ने सांसद मंडल से फोन कर भी पूछ लिया। सांसद अजय मंडल ने रविवार को यह साफ कर दिया कि ऐसी कोई बात नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि सांसद निधि में राशि नहीं है। कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार ने 2022 तक के लिए सांसद निधि वापस ले ली है। यह महज एक अफवाह है। सूत्रों की माने तो निगम की सरकार के खिलाफ अविश्वास के खेल में लगे नेताओं व उनके खेमे के लोगों ने विरोधी पार्षदों को इस तरह के झूठे प्रलोभन दिए थे। सांसद अजय मंडल ने बताया, मुझे कुछ लोगों ने फोन किया था। वार्डों में 10-10 लाख के बारे में भी पूछा। यह सब गलत है। मेरे बारे में भ्रामक सूचना फैलाई जा रही है।



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टुनटुन साह


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