नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुराने तेवर में लौटती नजर आ रही हैं. ममता का पूर्वी मिदनापुर की नंदीग्राम सीट से चु...
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुराने तेवर में लौटती नजर आ रही हैं. ममता का पूर्वी मिदनापुर की नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान ऐसे ही सियासी संकेत दे रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इसके जरिये ममता ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है. उन्होंने बीजेपी और टीएमसी के बागियों को सीधे चुनौती दी है.विश्लेषकों का कहना है कि नंदीग्राम, टीएमसी छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी का गढ़ है. सुवेंदु को उनके ही किले में घेरने के साथ ममता के यहां से चुनाव लड़ने से पार्टी का मनोबल और ऊंचा होगा. इससे ममता बनर्जी ने ये भी संकेत दिया है कि कोलकाता में अमित शाह, जेपी नड्डा के दौरे या बीजेपी नेताओं के शक्ति प्रदर्शन से वह जरा भी विचलित नहीं हैं. बीजेपी के आक्रामक तेवरों के खिलाफ वह बैकफुट पर नहीं खेलेंगी.
ममता बनर्जी ने सोमवार को नंदीग्राम के तेखाली इलाके में ही हुई विशाल रैली में कहा, " मैं नंदीग्राम से चुनाव लडूंगी.यह मेरे लिए लकी है. नंदीग्राम मेरी बड़ी बहन है, भवानीपुर मेरी छोटी बहन है... अगर संभव हुआ तो मैं दोनों जगह से चुनाव लड़ूंगी. यदि मैं किसी कारणवश भवानीपुर से चुनाव नही लड़ पाई तो कोई और चुनाव लड़ेगा." कुछ घंटों बाद सुवेंदु अधिकारी ने भी ममता बनर्जी को नंदीग्राम से सीधी टक्कर देने का ऐलान कर दिया. अधिकारी ने कहा कि अगर वो 50 हजार से कम वोटों से ममता बनर्जी को नहीं हरा पाए तो राजनीति छोड़ देंगे.
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