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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे के लिए बांग्लादेश पहुंचे, यहां प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनका स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया

  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे के लिए बांग्लादेश पहुंचे, यहां प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनका स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर ...

 



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे के लिए बांग्लादेश पहुंचे, यहां प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उनका स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश पहुंचे हैं। बांग्लादेश पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री अपने शेड्यूल के मुताबिक सबसे पहले ढाका में सावर में शहीद स्मारक पहुंचे। वहां उन्होंने पौधारोपण किया।वहीं शहीद स्मारक में पीएम मोदी ने विजिटर्स बुक में संदेश लिखकर अपने हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी ढाका स्थित बंगबंधु अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस सेंटर भी पहुंचे। यहां उनकी समकक्ष शेख हसीना भी यहां मौजूद रहीं। यहां उन्होंने और शेख हसीना ने बंगबंधु-बापू संग्रहालय का उद्घाटन किया।

शुक्रवार की शाम को पीएम मोदी ने ढाका में बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया। नेशनल परेड स्क्वायर से पीएम मोदी ने संबोधन दिया। यहां उन्होंने शेख मुजीबुर रहमान को साल 2020 का गांधी शांति पुरस्कार से नवाजा। रहमान की छोटी बेटी शेख रेहाना ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। पीएम ने मुक्ति युद्ध में शामिल जवानों को नमन किया। उन्होंने इस कार्यक्रम में न्योता देने के लिए बांग्लादेश को धन्यवाद कहते हुए कहा कि दोनों देशों के संबंध मजबूत हो रहे हैं।


उन्होंने कहा, बांग्लादेश दिवस पर निमंत्रण देने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना को धन्यवाद। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश का चुनौतियां भी साझा हैं और समस्याएं भी। भारत और बांग्लादेश के सामने आतंक का खतरा है और दोनों देशों के पास लोकतंत्र की ताकत है। कोरोना काल में दोनों देशों को बीच अच्छा तालमेल रहा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए मेड इन इंडिया वैक्सीन बांग्लादेश के काम भी आ रही है।


'बांग्लादेश की आजादी के लिए दी थी गिरफ्तारी'

मोदी ने कहा, मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था, मैंने गिरफ्तारी दी थी। उन्होंने कहा, बांग्लादेश के मेरे भाइयों और बहनों को, यहां की नौजवान पीढ़ी को मैं एक और बात बहुत गर्व से याद दिलाना चाहता हूं। बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था।


'मुजीब जैकेट' पहनकर आए पीएम मोदी

इस दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 'मुजीब जैकेट' पहन कर आए। उन्होंने कहा कि यह हम भारतीयों के लिए गर्व का विषय है कि हमें शेख मुजीबुर रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का अवसर मिला।


प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ओरकंडी यात्रा अच्छा संदेश है। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने मतुआ समुदाय के मंदिरों में पूजा की और लोगों से मुलाकात की। यह भारत और बांग्लादेश में मतुआ समुदाय को मान्यता देगा। देश को आगे ले जाने में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की बड़ी भूमिका है। 


बांग्लादेश के युवाओं से की मुलाकात

प्रधानमंत्री मोदी ने मतुआ समुदाय के मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद ढाका में युवाओं से मुलाकात की। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम सेनानियों 'मुक्तिजोधस' से भी मुलाकात की।



बंगाल चुनाव के पहले चरण के मतदान के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश यात्रा राजनीतिक और कूटनीतिक दोनों तरीके से बहुत महत्वपूर्ण समझी जा रही है। पहले चरण के चुनाव के पहले बांग्लादेश में मतुआ समुदाय के लोगों से पीएम मोदी की मुलाकात का राजनीतिक निहितार्थ निकाला जा रहा है।


जानकार मानते हैं कि चुनाव की सियासत को अगर छोड़ दें तो प्रधानमंत्री की कोविड के दौर में करीब 497 दिनों बाद पहली विदेश यात्रा के तौर पर बांग्लादेश जाना काफी खास है। चीन की इस इलाके में लगातार बढ़ती दिलचस्पी के बीच भारत ने बांग्लादेश की तमाम चिंताओं को दूर करते हुए अपने करीब रखा है। जानकार मानते हैं कि प्रधानमंत्री की यात्रा से दोनों देशो के संबंध और भी मजबूत होंगे।



कूटनीति, सुरक्षा,व्यापार अहम

दोनों देशों के संबंधों पर करीब से नजर रखने वाले विवेकानंद फाउंडेशन के सीनियर फेलो पी.के. मिश्रा का कहना है कि बांग्लादेश से भारत के रिश्ते नेबरहुड फर्स्ट की नीति के अलावा कूटनीति व सुरक्षा और परस्पर व्यापार के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। बांग्लादेश सार्क में भी भारत का महत्वपूर्ण साझेदार है। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय रणनीति में भी भारत के लिहाज से उसका किरदार अहम है। भारत ने कोविड के दौर में रिश्तों की खास अहमियत के मद्देनजर बांग्लादेश का पूरा ख्याल रखा है।


इन वजहों से यात्रा की चर्चा

जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा राजनीतिक मायनों से अलग हटकर तीन वजहों से चर्चा में है। पहली- मुजीब बोरशो, शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी, दूसरी- भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल और तीसरी- बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए हुए युद्ध के 50 साल के स्मरणोत्सव से संबंध रखती है।


ज्वलंत मुद्दों पर आपसी समझ बढ़ाएंगे

इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं। शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय वार्तालाप के अलावा, बांग्लादेश के राष्ट्रपति मो. अब्दुल हामिद, बांग्लादेश के विदेशमंत्री डॉ. ए.के. अब्दुल मोमेन के साथ भेंट से निकलने वाले नतीजे भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को नई मजबूती देंगे। दोनो देश व्यापार बढ़ाने, आवाजाही के लिहाज से संपर्क मजबूत करने, सीमा संबंधी मुद्दों, रोहिंग्या सहित तमाम ज्वलंत व प्रासंगिक क्षेत्रीय मुद्दों पर समझ बढ़ाएंगे।


कोरोना काल मे पहली विदेश यात्रा

जानकारों का कहना है कि अहम बात यह भी है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से यह प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा है। करीब 497 दिनों के बाद नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा कर रहे हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने नवंबर 2019 में आखिरी दौरा ब्राजील का किया था। जबकि प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में अपना पिछला दौरा 2015 में किया था। पीएम मोदी के लिए पिछला साल 2020 ऐसा रहा, जब वह किसी विदेशी यात्रा पर नहीं गए।


मतुआ समुदाय से मुलाकात के सियासी मायने

पीएम नरेंद्र मोदी का बांग्लादेश में अनुसूचित जाति समूह मतुआ समुदाय से मिलना राजनीतिक दृष्टि से चर्चा में है। पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय एक बड़ा वोट बैंक है। पश्चिम बंगाल की कम से कम छह संसदीय सीटों में इनकी उपस्थिति है और 70 विधानसभा सीटों पर असर रखता है।


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