मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने उम्मीद जताई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक मतदाता देश के किसी भी इलाके से वोटिंग कर सकेंगे । अरोड़ा ने स...
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने उम्मीद जताई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक मतदाता देश के किसी भी इलाके से वोटिंग कर सकेंगे । अरोड़ा ने साथ ही कहा कि इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट अगले दो-तीन महीने में शुरू हो सकता है। अरोड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में आईआईटी मद्रास, अन्य आईआईटी तथा कई प्रमुख संस्थानों के प्रतिष्ठित टेक्नोलॉजिस्ट्स के साथ सलाह-मशविरा कर रिमोट वोटिंग को सक्षम बनाने के लिए एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू किया था।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से एक समर्पित टीम इस परियोजना को आकार देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह अवधारणा 2024 के लोकसभा चुनावों तक मूर्त रूप लेगी। सीईसी ने कहा कि पहला पायलट प्रोजेक्ट अगले दो से तीन महीनों में शुरू किया जा सकता है। हालांकि,
उन्होंने कहा कि यह बताया जाना जरूरी है कि प्रोजेक्ट का मकसद न तो इंटरनेट आधारित मतदान है और न ही इसमें घर से मतदान शामिल है।
उन्होंने कहा कि आयोग के लिए मतदान की पारदर्शिता और गोपनीयता हमेशा स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव सुनिश्चित करने में एक मार्गदर्शक विचार रहा है। आयोग जल्द ही विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श के बाद इस तरह के मतदान के अंतिम मॉडल को आकार देगा।
उन्होंने कहा कि कुछ प्रक्रियात्मक बदलाव भी होगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श होगा। प्रोजेक्ट में शामिल ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में बताते हुए पूर्व वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने पहले कहा था कि मतदाताओं को इस सुविधा का उपयोग करने के लिए पूर्व निर्धारित अवधि के दौरान एक बताए गए स्थान पर पहुंचना होगा। सक्सेना ने कहा था कि इसका मतलब घर से मतदान नहीं है।
मौजूूदा समय में विदेशों में रहने वाले भारतीय उस निर्वाचन क्षेत्र में मतदान कर सकते हैं जिसमें उनका वह आवास है, जिसका जिक्र पासपोर्ट में किया गया है।
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