बीकानेर प्रदेश के बीकानेर में डेल्टा प्लस वैरियंट केस के आने के बाद जहां आमजन में थोड़ा भय का माहौल दिखाई दे रहा है। वहीं 65 वर्षीय महिला...

बीकानेर प्रदेश के बीकानेर में डेल्टा प्लस वैरियंट केस के आने के बाद जहां आमजन में थोड़ा भय का माहौल दिखाई दे रहा है। वहीं 65 वर्षीय महिला के इससे संक्रमित होने की पुष्टि के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की टीम इसे लेकर पूरी तरह सतर्क हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर की महिला में डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना संक्रमण पाये जाने के अलावा जिले में 41 लोगों ऐसे भी मिले , जो फ्लू जैसी बीमारी से ग्रसित थे। जानकारी मिली है कि जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से लगातार डोर-टू-डोर सर्वेक्षण किया जा रहा है। डेल्टा प्लस संक्रमित महिला की कॉलोनी (बंगला नगर) को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है। इस पूरे मामले पर सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि सरकार डेल्टा+ संस्करण पर सतर्क है। वहीं केंद्र भी बीकानेर पर भी नजर रखे हुए है। वहीं सचिव (स्वास्थ्य) सिद्धार्थ महाजन ने कहना है कि "इस क्षेत्र में, हमने घर-घर सर्वेक्षण, व्यापक परीक्षण, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के साथ-साथ क्षेत्र में टीकाकरण को बढ़ाने जैसे उपाय भी तत्काल शुरू कर दिए हैं।" मई में परिवार हुआ था संक्रमितमिली जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय महिला के परिवार से 1 जून को सैंपल कलेक्ट किए गए थे, जिसमें कई लोगों की नेगेटिव रिपोर्ट आई थी। वहीं मई में इस परिवार के तीन में से दो लोगों के सैंपल पॉजिटिव आए थे, इनके सैंपल स्वास्थ्य विभाग ने अपने पास संरक्षित किए थे। साथ ही जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे भेजे थे। इसमें जब महिला की रिपोर्ट आई, तो पता चला कि वह डेल्टा + से संक्रमित है। बीकानेर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी चाहर ने बताया कि "हालांकि डेल्टा + वैरिएंट का मामला एक महीने पुराना है, लेकिन हम एहतियात के तौर पर सभी जरूरी उपाय कर रहे है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं इस क्षेत्र में डेल्टा + वैरिएंट संक्रमण की कोई श्रृंखला तो नहीं है। 13 जून को नर्स की दवा से ही स्वस्थ हो गई थी महिला इस मामले में महिला के बेटे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह 13 जून को ठीक हो गई थी। उनके बेटे ने बताया कि सबसे पहले, मेरा भाई मई में संक्रमित पाया गया था। कुछ दिनों बाद, मेरे माता और पिता भी पॉजिटिव मिले। लेकिन किसी को भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं थी। मेरी मां में कोई लक्षण नहीं थे। जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो एक नर्स हमारे घर आई और उसे कुछ दवाएं दीं। उसने वे दवाएं लीं और वह 13 जून को ठीक हो गई। मेरे पिता में 14 साल का बेटा 25 मई को , पिता 30 मई को और मां को 1 जून को संक्रमित पाई गई, लेकिन अब सभी स्वस्थ है। महिला के बेटे ने बताया कि मेरे पिता में अधिक लक्षण थे उन्हें टाइफाइड भी हो गया था, लेकिन, वह अब ठीक है। मां - पिता ने 10 अप्रैल को पहली खुराक का टीका लगाया और 19 मई को उन्होंने दूसरी खुराक ली थी। कॉलोनी में बन रहा है नेगेटिव माहौल!महिला के बेटे ने टीओआई से कहा कि "मुझे समझ में नहीं आ रहा कि संक्रमण ठीक होने के एक महीने बाद अब इतनी सारी स्वास्थ्य टीमें मेरे घर के आसपास क्यों हैं। हमारे घर और कॉलोनी में बहुत सारी गतिविधि देखकर मेरे रिश्तेदार और दोस्त चिंतित हैं और हमसे सब ठीक होने की बात पूछ रहे है। जब घर में सभी स्वस्थ है, तब भी कॉलोनी में स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से पैनिक माहौल बनाया हुआ है, जो आसपास के लोगों में भय पैदा कर रहा है।
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