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देश के 4 राज्यों में फैला कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट, तमिलनाडु में भी दस्तक

नई दिल्ली कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस देश में तेजी से फैल रहा है। अब तक चार राज्यों में इसके 40 मरीज सामने आ चुके हैं। जिन चार राज्...

नई दिल्ली कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस देश में तेजी से फैल रहा है। अब तक चार राज्यों में इसके 40 मरीज सामने आ चुके हैं। जिन चार राज्यों में यह वैरिएंट पाया गया है उनमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और तमिलनाडु हैं। सिर्फ महाराष्ट्र में इसके 21 केस मिले हैं। कोरोना वायरस का यह वैरिएंट सुपर स्प्रेडर बताया जा रहा है जो बाकी वैरिएंट की अपेक्षा काफी तेजी से फैलता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि भारत उन दस देशों में से एक है, जहां अब तक 'डेल्टा प्लस' स्वरूप मिला है। उन्होंने कहा कि 80 देशों में 'डेल्टा स्वरूप' का पता चला है। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि भारतीय SARS Cov-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने सूचना दी थी कि डेल्टा प्लस स्वरूप, 'वर्तमान में चिंताजनक स्वरूप (VOC)' है, जिसमें तेजी से प्रसार, फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने और 'मोनोक्लोनल एंटीबॉडी' प्रतिक्रिया में संभावित कमी जैसी विशेषताएं हैं। भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन में भी केस कोरोना वायरस का 'डेल्टा प्लस' स्वरूप भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में मिला है। भूषण ने कहा कि वहीं 'डेल्टा' स्वरूप भारत सहित दुनियाभर के 80 देशों में पाया गया है और यह एक चिंताजनक स्वरूप है।' INSACOG राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गठित किया है। INSACOG वायरस के नए वैरिएंट और महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है। वैक्सीन कितनी काम आएगी? भूषण ने कहा कि मोटे तौर पर, दोनों भारतीय टीके (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) डेल्टा स्वरूप के खिलाफ प्रभावी हैं, लेकिन वे किस हद तक और किस अनुपात में ऐंटीबॉडी बना पाते हैं, इसकी जानकारी बहुत जल्द साझा की जाएगी। क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट? कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है और बार-बार म्यूटेट हो रहा है। भारत में जो इसका डेल्टा वैरिएंट मिला था उसी का रूप बदलकर डेल्टा प्लस हो गया है। इसे B.1.617.2.1 या AY.1 नाम दिया गया है। अभी तक जितने भी वैरिएंट आए हैं, डेल्टा उनमें सबसे तेजी से फैलता है। अल्फा वैरिएंट भी काफी संक्रामक है, लेकिन डेल्टा इससे 60 फीसदी अधिक संक्रामक है। ज्यादा खतरनाक है डेल्टा वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट कहीं अधिक गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इस वायरस के चपेट में आने के बाद अस्पताल में भर्ती होने का खतरा 2.6 गुना अधिक है। डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आया व्यक्ति 5 से 8 लोगों को संक्रमित कर सकता है। एक स्टडी में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति के लक्षणों के तेजी से गंभीर होने की बात आई है। स्टडी में कहा गया, 'करीब 12% मरीज संक्रमित होने के 3-4 दिन के भीतर गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं, जबकि पहले ऐसा सिर्फ 2-3% लोगों के साथ होता था।'


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