जयपुर राजस्थान में सियासी घमासान एक बार फिर तेज होता जा रहा है। जिस तरह से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट () ने पिछले दिनों मोर्चा खोलते हु...

जयपुर राजस्थान में सियासी घमासान एक बार फिर तेज होता जा रहा है। जिस तरह से पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट () ने पिछले दिनों मोर्चा खोलते हुए अपनी ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए, उससे ये चर्चा तेज हो गई कि राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार ( Cabinet Expansion) को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, गहलोत मंत्रिमंडल में 9 मंत्रियों को जगह मिल सकती है, जिसके लिए करीब 35 नाम चर्चा में बताए जा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या पायलट खेमे के विधायकों की है। ऐसे में सवाल उठ रहा कि आखिर पार्टी किसी भी गतिरोध को टालने के लिए कैबिनेट विस्तार को लेकर क्या रणनीति अपनाएगी? मंत्रिमंडल विस्तार के साथ संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर विचारसूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व ने इस संबंध में सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आगे की प्लानिंग शुरू कर दी है। यही वजह है कि गहलोत सरकार में नए मंत्रियों को शामिल करने के साथ ही पार्टी राजस्थान में 'संसदीय सचिवों' की नियुक्ति भी कर सकती है। इसमें बगावती तेवर दिखा रहे विधायकों के साथ-साथ मंत्री पद की उम्मीद कर रहे नेताओं को जगह मिल सकती है। हालांकि, पायलट खेमे की ओर से मंत्रिमंडल विस्तार में 6 से 7 सीट की डिमांड हो रही है। पायलट खेमे की ओर से हो रही 6 से 7 मंत्री पद की डिमांडयही नहीं, 10 निर्दलीय भी सरकार को समर्थन दे रहे हैं, उनकी भी निगाहें मंत्रिमंडल विस्तार पर है। वहीं बीएसपी से कांग्रेस में आए 6 विधायक भी मंत्री बनने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इनके अलावा कांग्रेस के करीब 10 वरिष्ठ नेता भी हैं, जिन्हें उम्मीद है कि इस विस्तार में उन्हें भी इनाम मिल सकता है। गहलोत खेमे की ओर से उन निर्दलीय कैंडिडेट पर खास नजर है जो कांग्रेस का टिकट नहीं पाने के बावजूद अपने दम पर जीते और फिर भी संकट की घड़ी में भी गहलोत सरकार के साथ नजर आए। राजस्थान में बैठकों का दौर जारीवहीं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की नाराजगी की खबरों के बीच उनके समर्थक विधायकों ने उनकी ओर से उठाये गये मुद्दों के समाधान पर देरी को लेकर नाराजगी जताई। इस दौरान पायलट के करीबी आधा दर्जन विधायकों ने गुरुवार को सिविल लाइन्स स्थित उनके आवास पर उनसे मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार इससे पूर्व दिन में पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की पायलट से मुलाकात के बाद विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर और रामनिवास गवारिया पायलट से मिले। विधायक राकेश पारीक भी पायलट के निवास पर पहुंचे। पायलट खेमे के विधायकों का क्या है कहना चाकसू (जयपुर) से विधायक सोलंकी ने कहा कि हम सब अपनी आवाज पार्टी की मजबूती के लिये उठा रहे है। जो पार्टी के प्रति हमारी निष्ठा पर सवाल उठाते हैं, वे पार्टी के शुभचिंतक नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को पायलट को सुनना चाहिए। पायलट के साथ मुलाकात के बाद सोलंकी ने कहा कि हमारी ओर से उठाई गई मांगों पर कोई चर्चा या सुनवाई नहीं हुई है। अगर मुख्यमंत्री पायलट खेमे के लोगों की बात पर विचार नहीं करना चाहते तो उन्हें अपने पक्ष के लोगो को राजनीतिक नियुक्तियां देनी चाहिए।
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