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अब सीधे पीएम मोदी से चिराग की गुहार, कहा- हनुमान का वध होते देखना राम को शोभा नहीं देता

नई दिल्ली चाचा पशुपति पारस के बगावती तेवर और एलजेपी में टूट के बाद चिराग पासवान लगातार इमोशनल तरीके से पार्टी पर अपना दावा मजबूत करने की ...

नई दिल्ली चाचा पशुपति पारस के बगावती तेवर और एलजेपी में टूट के बाद चिराग पासवान लगातार इमोशनल तरीके से पार्टी पर अपना दावा मजबूत करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। यही वजह है कि पहली बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी से खास अपील की है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग ने खुद को पीएम मोदी का 'हनुमान' बताया था। अब ताजा घटनाक्रम को लेकर उन्होंने एएनआई के साथ खास इंटरव्यू में कहा, 'यह सही नहीं है कि जब हनुमान का वध हो रहा हो तो राम चुप रहें।' चिराग ने फिर से खुद को बताया पीएम मोदी का हनुमानजमुई से लोकसभा सांसद चिराग ने कहा कि सतयुग के समय से लेकर आज तक रामायण में देखा गया कि हनुमान जी ने हर कदम पर भगवान राम का साथ दिया। जिस तरह से हनुमान हर कदम पर भगवान राम के साथ चले, उसी तरह उनकी पार्टी एलजेपी भी हर छोटे और बड़े फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ी रही। चिराग को उम्मीद- मोदी करेंगे हस्तक्षेपचिराग ने एक बार फिर खुद को पीएम मोदी का 'हनुमान' बताते हुए कहा कि हर फैसले पर बीजेपी के साथ मजबूती से खड़े रहने वाले 'हनुमान' की लोक जनशक्ति पार्टी पर जब संकट की घड़ी आई है तो उम्मीद है कि वह हस्तक्षेप करेंगे। यही नहीं किसी तरह मामले को सुलझाने की कोशिश करेंगे। बीजेपी की चुप्पी पर चिराग ने उठाए सवालचिराग पासवान ने हालांकि एक बार फिर बीजेपी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने एएनआई से खास इंटरव्यू में कहा कि मैं बेहद दुखी हूं। फिर भी, मैं कहूंगा कि मुझे पीएम मोदी पर पूरा विश्वास है कि स्थिति को नियंत्रण में लेकर वह निश्चित रूप से इस राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप करेंगे। चिराग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बीजेपी इस मामले में दखल देगी और एलजेपी पर नियंत्रण को लेकर चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ विवाद को सुलझाने में सहयोग करेगी। सीएम नीतीश कुमार पर भी साधा निशानाचिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है। यह एक खुली सच्चाई है। लोग जानते हैं कि एलजेपी में टूट के पीछे कौन है। यह पहली बार नहीं है कि सीएम नीतीश कुमार ने हमारी पार्टी में विभाजन पैदा करने की कई बार कोशिश की। यह उनकी कार्यशैली रही है। 2005 में, जब हमारे 29 विधायक जीते थे, नीतीश कुमार ने हमारी पार्टी को तोड़ा था। उन्होंने 2020 में विधानसभा चुनाव जीतने वाले हमारे एक विधायक को तोड़ने का काम किया। उनकी तोड़ने की परंपरा रही है। फिर नीतीश कुमार कैसे इनकार कर रहे हैं कि उनका रोल नहीं है। 'मैंने अपने परिवार के सदस्यों पर भरोसा करने की एकमात्र गलती की'एलजेपी में कलह का कारण पूछे जाने पर चिराग ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों पर भरोसा करने की एकमात्र गलती की। मैंने एक ही गलती की थी कि मैंने अपने पिता के मूल्यों का पालन करते हुए अपने प्रियजनों पर अधिक भरोसा किया। जब मेरे अपने लोगों ने विश्वासघात किया, तो कोई कारण नहीं है कि मुझे किसी और पर उंगली उठानी चाहिए। चाचा पारस और भतीजे चिराग में नहीं थम रहा घमासानइससे पहले चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी के चुनाव चिह्न पर अधिकार की मांग की है। एलजेपी नेता के नेतृत्व में पिछले दिनों पार्टी सदस्यों ने चुनाव आयोग से मुलाकात भी की थी। ध्यान रहे कि चिराग पासवान के खिलाफ उनके चाचा और हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस ने ही मोर्चा खोला। उनके नेतृत्व वाले एलजेपी गुट ने राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी और विभिन्न प्रकोष्ठों की समितियों को भंग कर दिया।


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