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जयपुर के बाद अब कोटा में भी खुला निगम के भ्रष्टाचार का खेल, कांग्रेस पार्षद मांग रहा था सफाईकर्मी से घूस

कोटा, अर्जुन अरविंद राजस्थान की राजधानी जयपुर में ग्रेटर नगर निगम के बाद भ्रष्टाचार का बदनुमा दाग कोटा दक्षिण नगर निगम पर भी लग गया है। को...

कोटा, अर्जुन अरविंदराजस्थान की राजधानी जयपुर में ग्रेटर नगर निगम के बाद भ्रष्टाचार का बदनुमा दाग कोटा दक्षिण नगर निगम पर भी लग गया है। कोटा दक्षिण नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की साख से 8 माह पहले बना था। दक्षिण निगम का क्षेत्र बीजेपी का गढ माना जाता हैं। कांग्रेस ने हर तरह के हथकंडे अपनाकर बोर्ड बनाने में बडी कामयाबी हासिल की थी। लेकिन जयपुर ग्रेटर नगर निगम की बीजेपी की तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर के पति के द्वारा बीवीजी सफाई कंपनी से 20 करोड रूपए मांगने के बाद कोटा में दक्षिण नगर निगम बोर्ड का सदस्य व वार्ड नंबर 10 का वार्ड पार्षद कमल मीणा सफाई कर्मचारी से उसकी डयूटी लगाने की एवज में 5 हजार की रिश्वत लेते अपने मुंशी सुनील गोचर के साथ एसीबी के हत्थे चढा हैं। पार्षद ने की 5 हजार की डिमांड एसीबी की जांच में सामने आया है कि घूस लेते पकडा गया वार्ड पार्षद कमल मीणा सफाई कर्मचारी कुणाल सरसिया से हर माह उसकी डयूटी पर लगाने के लिए 5 हजार रूपए की डिमांड कर रहा था। उसकी इसी, हठधर्मिता पैसों के लालच ने पार्षद को रंगे हाथ एसीबी को पकडवाया हैं। साथ में अपने मुंशी को भी। यूडीएच मंत्री धारीवाल कर रहे थे यूआईटी के विकास कार्यों का निरीक्षणबड़ी बात यह है कि इस भ्रष्टाचार के मामले के खुलासा तब हुआ कि जब सरकार के यूडीएच मंत्री और कोटा में अपनी खास पहचान रखने वाले शांति धारीवाल कोटा में ही थे। जब 7 दिन के प्रवास पर कोटा आए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कोटा नगर विकास न्यास की ओर से शहर के करवाए जा रहे विकास कार्यों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी 11 माह बीमारी से पीडित रहे सफाई कर्मचारी से उसकी डयूटी लगाने की एवज में हर माह 5 हजार रूपए मांगने वाला कांग्रेस का वार्ड पार्षद कमल मीणा पकडा गया। इस घटना के बाद अब कांग्रेस खेमे और कोटा दक्षिण नगर निगम कांग्रेस बोर्ड में हडकंप मचा हुआ है। पार्षद को सफाईकर्मी ने बताया कि वो बीमार था, फिर भी नहीं आया तरसपरिवादी कुणाल साल 2018 निगम में सफाईकर्मी के पद पर कार्यरत हैं। अगस्त 2019 से जून 2020 तक वह बीमार हुआ। सितंबर 2020 में आयुक्त निगम के आदेश पर डयूटी ज्वाइन की। सफाईकर्मी की डूयटी वार्ड 10 के सेक्टर 5 में हैं। सेक्टर का इंचार्ज जमादार रामलाल टांक व पार्षद कमल मीणा हैं। जमादार ने पार्षद का नाम लेते हुए सफाईकर्मी की डूयटी लगाने को मना किया।इसके बाद पार्षद से डयूटी लगाने को कहा तो 5 हजार रूपए की डिमांड की। सफाईकर्मी ने कहा वह 9 माह बीमार रहा, उसकी सैलेरी नहीं बनी, पेमेंट मिलते ही वह डिमांड के मुताबिक पैसे दे देगा। इसके बाद सफाईकर्मी से पार्षद ने उसकी सैलेरी बनवाने के लिए भी अलग से पैसों की डिमांड की। पार्षद अपने पास रखता है सफाईकर्मियों का हाजरी रजिस्टरपरिवादी ने एसीबी को शिकायत में बताया कि पार्षद हाजरी रजिस्टर अपने पास रखता हैं। जमादार को पार्षद ने बोल दिया था कि सफाईकर्मी कुणाल रिश्वत देगा, तबही उसे डयूटी पर लेना हैं। पार्षद अपने साथ मुंशी सुनील गोचर को रखता हैं, जो पार्षद के लेन देन का काम करता हैं। मुंशी ही हाजरी रजिस्टर संभालता है। हाजरी व गैर हाजरी वह लगाता है। मुंशी ने सफाईकर्मी कुणाल को 10 जुलाई तक दो माह की डूयटी की एवज में बकाया 10 हजार रूपए देने की बात कही। रिश्वत मांगने के खेल का सत्पापन एसीबी ने परिवादी शिकायत पर किया। इसके बाद 3 जुलाई शनिवार को ट्रैप की कार्रवाई की। इसके तहत जब अनंतपुरा थाना चौराहा पर स्थित यात्री प्रतिक्षालय पर जब परिवादी से रिश्वत राशि पार्षद कमल मीणा ने मुंशी को दिलवाई। एसीबी ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।


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