बिहार में सत्ताधारी जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसका ऐलान आज होने की संभावना है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मौजूदा अध्यक्ष आरसीपी सिंह...

Bihar News: सूत्रों के अनुसार, आरसीपी सिंह (RCP Singh) अगर अपने पद से हटते हैं तो उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) इस पद की होड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जेडीयू में विलय किया था। हालांकि, जेडीयू में एक वर्ग है जिसका मानना है कि अगर उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी का शीर्ष पद दिया जाता है तो पुराने नेताओं के बीच संदेश अच्छा नहीं जाएगा। ऐसे में सवाल उठ रहे कि क्या नीतीश पार्टी के दिग्गज नेता ललन सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपेंगे?

बिहार में सत्ताधारी जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसका ऐलान आज होने की संभावना है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मौजूदा अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री पद संभालने के बाद पार्टी की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी? मौजूदा स्थिति को देखें तो इस पद की रेस में जो दो नाम सबसे आगे नजर आ रहे हैं, वो हैं- जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और पार्टी के दिग्गज नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह। हालांकि, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) हमेशा अपने फैसलों से चौंकाते रहे हैं, ऐसे में इस बार उनकी रणनीति क्या होगी ये देखना दिलचस्प होगा।
जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज, लिए जा सकते हैं अहम फैसले

शुक्रवार को बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र खत्म होते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली के लिए रवाना हो गए। आज दिल्ली में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। उपेंद्र कुशवाहा भी सीएम नीतीश के साथ दिल्ली पहुंचे हैं। जानकारी के अनुसार, जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शाम 4 बजे है। बताया गया कि शनिवार की सुबह 11 बजे जेडीयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ नीतीश कुमार की बैठक होगी, उसके बाद शाम 3 बजे सांसदों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बैठक कर उन्हें संबोधित करेंगे। शाम 4 बजे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन विस्तार और पार्टी को मजबूत करने की योजना के साथ-साथ अगले साल पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर भी विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी।
आरसीपी सिंह दे सकते हैं जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा

जेडीयू के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह, जो मोदी मंत्रिमंडल में इस्पात मंत्री का पद भी संभाल रहे हैं। आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वो अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में अगर नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की बात आती है तो यह नीतीश कुमार के ऊपर निर्भर करेगा कि वह किसे पार्टी का कमान सौंपते है। अगर किसी कारणवश शनिवार को जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाता है, तो वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा का नाम रेस में

सातवीं बार बिहार की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अपनी पार्टी के प्रदर्शन से चिंतित हैं। 2010 में बिहार की नंबर वन पार्टी बनी जनता दल यूनाइटेड 2020 में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। नीतीश कुमार संगठन को मजबूत करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। ऐसे में जेडीयू अध्यक्ष को लेकर वो कोई जल्दबाजी भरा फैसला नहीं लेना चाहेंगे। सूत्रों के अनुसार, आरसीपी सिंह अगर अपने पद से हटते हैं तो उपेंद्र कुशवाहा इस पद की होड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जेडीयू में विलय किया था। हालांकि, जेडीयू में एक वर्ग है जिसका मानना है कि अगर उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी का शीर्ष पद दिया जाता है तो पुराने नेताओं के बीच संदेश अच्छा नहीं जाएगा।
नीतीश जता सकते हैं ललन सिंह पर भरोसा

वहीं आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने पर नीतीश कुमार के ऊपर यह आरोप लग रहा था कि वह अपनी जाति के व्यक्ति को ही मोदी मंत्रिमंडल में शामिल करा कर लव-कुश समीकरण मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले जब नीतीश ने जेडीयू अध्यक्ष पद छोड़ा था, उस समय भी उन्होंने आरसीपी सिंह पर भरोसा जताते हुए पार्टी की बागडोर सौंपी थी। जेडीयू पर जाति आधारित राजनीति करने के आरोप भी नहीं लगें, इसके लिए नीतीश कुमार इस बार ललन सिंह को पार्टी का अध्यक्ष पद सौंप सकते हैं। इस कदम के जरिए बिहार के सीएम एक साथ विरोधियों के साथ-साथ बिहार की जनता को कई संदेश दे सकते हैं।
जानिए कैसे, एक तीर से कई शिकार कर सकते हैं नीतीश

मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो सके ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर, बिहार और उत्तर प्रदेश के भूमिहार समाज को नीतीश कुमार बड़ा संदेश दे सकते हैं। RJD के एमवाई (MY) समीकरण की तरह JDU पर लगने वाले लव-कुश समीकरण को बढ़ावा देने का आरोप भी, एक झटके में खारिज किया जा सकता है। ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर नीतीश कुमार यह संदेश दे सकते हैं कि उनकी पार्टी जाति आधारित नहीं, बल्कि जेडीयू को सभी जाति का समर्थन प्राप्त है। इस कदम से नाराज भूमिहार समाज में भी सकारात्मक संदेश जाएगा। अगर जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी जाती है, तो इसका फायदा नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश चुनाव में भी मिल सकता है।
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