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'रोमांस स्कैम' में फंसे बिजनेसमैन ने गंवाए एक करोड़, क्रिप्टो करेंसी से पाकिस्तान भेजे रुपये, चीनी नागरिक भी शामिल

भोपाल भारतीय करोड़पतियों को पाकिस्तानी और चीनी शातिर अब रोमांस जाल में फंसा रहे हैं। रोमांस जाल में फंसाकर इनकी तिजोरियां खाली कर रहा है। ...

भोपालभारतीय करोड़पतियों को पाकिस्तानी और चीनी शातिर अब रोमांस जाल में फंसा रहे हैं। रोमांस जाल में फंसाकर इनकी तिजोरियां खाली कर रहा है। भोपाल के एक कारोबार ने रोमांस रैकेट में फंसकर एक करोड़ रुपये गंवा दिए। वहीं, दो अन्य व्यापारियों ने 75 लाख रुपये गंवाए हैं, इनमें एक व्यापारी इंदौर का रहने वाला है। कारोबारी की शिकायत के बाद एमपी साइबर सेल ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने इस मामले में दिल्ली, गुड़गांव और गुजरात से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तानी और चीनी शातिरों की मदद कर रहे थे। इसमें कुछ सीए भी शामिल हैं। एमपी साइबर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर मंगलवार को ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय रैकेट (International Romance Scam Gang News) का खुलासा किया है। इस रैकेट में भारतीय नागरिकों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर भारतीयों से ठगी गई राशि को इन कंपनियों के चालू बैंक खातों में प्राप्त करने के बाद उस धन को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पाकिस्तान (Romance scam link with Pakistan) भेजा जा रहा था। अभी तक लगभग 50 करोड़ रुपये की लेन-देन की बात सामने आयी है। साइबर सेल के एडीजी योगेश चौधरी ने मीडिया को बताया कि भोपाल के युवा व्यवसायी से लगभग एक करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी की जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ। अंतरराष्ट्रीय ठग रैकेट ने भारतीय नागरिकों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर भारतीयों से ठगी गई राशि को इन कंपनियों के चालू बैंक खातों में प्राप्त करने के बाद उस धन को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पाकिस्तान भेजा जा रहा था। उन्होंने कहा कि इस पूरे नेटवर्क में पाकिस्तानी, चीनी नागरिक, रजिस्टर्ड चार्टर्ड अकाउंटेंट, फर्जी कंपनी सेक्रेटरी और व्यवसायी शामिल हैं। चौधरी ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। उन्होंने कहा कि अभी तक दिल्ली, गुड़गांव एवं राजकोट के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। एडीजी चौधरी ने बताया कि इस अपराध में चीनी नागरिकों की संलिप्तता के संकेत भी मिले हैं और उनकी तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस अपराध में पाकिस्तानी नागरिक की स्पष्ट संलिप्तता के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। चौधरी ने बताया कि उच्च स्तर पर इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अब तक चार आरोपियों गुडगांव के चार्टर्ड अकाउंटेंट ऐविक केडिया, दिल्ली के कंपनी सेक्रेटरी डॉली मखीजा, गुजरात के दिलीप पटेल एवं दिल्ली के विक्की मखीजा को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है। इन आरोपियों की इस अपराध में भूमिका का जिक्र करते हुए चौधरी ने बताया कि ऐविक केडिया फर्म रजिस्टर कराकर बैंक में चालू खाता खुलवाता था और फर्म एवं खाते की डिटेल संदिग्ध चीनी नागरिक को उपलब्ध कराता था, जबकि डॉली मखीजा रिश्तेदार के नाम पर फर्म बनाकर और चालू खाता खुलवाकर संदिग्ध व्यक्तियों को धोखाधड़ी की राशि प्राप्त करने हेतु उपलब्ध कराता था। उन्होंने कहा कि वहीं, दिलीप पटेल राजकोट की फर्म विक्टेक प्राइवेट लिमिटेड में प्राप्त राशि को बैंक से आहरित कर अन्य खातों में हस्तांतरित करना, स्वयं के खाते में राशि प्राप्त कर वजीरएक्स में क्रिप्टो में ट्रांसफर करना और धोखाधड़ी हेतु ई-मेल बनाना था, जबकि विक्की मखीजा फर्म के खाते में डायरेक्टर बनना एवं इन फर्मों को बेचकर राशि प्राप्त करना था। चौधरी ने बताया कि इस मामले में कुछ अन्य आरोपी फरार हैं, जिनमें विजय छुटलानी (मुंबई) एवं विजय हरियानी (राजकोट) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार किये गये आरोपियों के कब्जे से फर्जी फर्म के निदेशकों के 60 डिजिटल सिग्नेचर, तीन लैपटॉप, चार पेन ड्राइव, एक मोबाइल फोन, क्रिप्टो ट्रेडिंग स्टेटमेंट, फर्जी फर्म से संबंधित दस्तावेज, विभिन्न लोगों के आधार और पैन कार्ड, एक डेबिट कार्ड, चार चेकबुक व अपराध से संबंधित अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। एडीजी ने बताया कि ठगी के इस रैकेट में अभी तक लगभग 50 करोड़ रुपये के लेन-देन सामने आये हैं। महिला ने की दोस्ती व्यापारी को फंसाने के लिए एक महिला की प्रोफाइल से बम्बल एप के जरिए कारोबारी से दोस्ती की गई। बातचीत के दौरान व्यापारी को मसालों और वाइन की ट्रेडिंग करने का ऑफर दिया गया था। उसके बाद महिला ने व्यापारी से http://h20.gbull.shop पर आईडी क्रिएट करवाई। इसके बाद मसालों और वाइन की ट्रेडिंग के नाम पर मार्च 2021 से मई 2021 के बीच 98 लाख रुपये जमा करवा लिए। इंदौर के व्यापारी ने भी गंवाए लाखोंसाइबर सेल के अनुसार एक खाते से दो महीने के अंदर 30 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। भोपाल के अलावे दो अन्य कारोबारियों ने भी एमपी से 75 लाख रुपये गंवाए हैं। इनमें से एक व्यापारी इंदौर का है। इसके साथ ही कुछ दिल्ली के व्यापारी भी इस स्कैम में फंसे हैं। एमपी साइबर सेल के अनुसार इस इंटरनेशनल गैंग ने कुछ महीनों में ही 50 करोड़ रुपये की ठगी की है।


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