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लंदन में 12.5 मिलियन पाउंड की संपत्ति का मालिक बनाने के नाम पर ठगी करने वाले 3 लोग अरेस्ट

नोएडा लंदन में 12.5 मिलियन पाउंड की संपत्ति का मालिक बनाने के नाम पर साइबर ठगों ने एक आईटी इंजिनियर को अपना निशाना बनाकर 60 लाख रुपये ठग ...

नोएडा लंदन में 12.5 मिलियन पाउंड की संपत्ति का मालिक बनाने के नाम पर साइबर ठगों ने एक आईटी इंजिनियर को अपना निशाना बनाकर 60 लाख रुपये ठग लिए। शुक्रवार को इस मामले में नोएडा साइबर पुलिस ने बरेली से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 3 मोबाइल फोन, एक सिम, 5 डेबिट कार्ड, एक आधार कार्ड, एक पैन कॉर्ड, एक वोटर आईकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एक प्रेस कार्ड बरामद किए गए है। साथ ही 25 अकाउंट से करीब 13 लाख रुपये भी पुलिस ने फ्रीज कराए हैं। पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम डॉ. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि आईटी इंजिनियर तरुण वार्ष्णेय ने बिसरख कोतवाली में धोखाधडी का मुकदमा दर्ज कराया था। यह बाद में नोएडा के सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम में ट्रॉसफर कर दिया। दर्ज शिकायत में कहा गया है कि उन्हें यूनाईटेड किंगडम में 12.5 की प्रॉपट्री का वारिश बनाने के नाम पर 60 लाख रुपये ठग लिए गए। उन्हें प्रॉपर्टी भी नहीं मिले, साथ ही उनके दुवारा दी गई रकम भी। शुक्रवार को इस मामले में साइबर क्राइम ने बरेली निवासी अकीलद्दीन (30 साल), अनीस अहमद(23 साल) और अस्लीम अहमद(23 साल) को गिरफ्तार किया है। अकीलद्दीन एवं अनीस अहमद हाईस्कूल और अस्लीम 8वीं पास है। हालांकि, इससे पहले भी पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। अभी तक छह आरोपियों को जेल भेज चुकी है। अन्य देशों के साइबर ठग भी हैं शामिल जांच कर रही टीम का कहना है कि अभी और भी साइबर ठग सक्रिय है। साथ ही इनके तार नाइजीरिया समेत कई देशों से जुड़े है। नोएडा साइबर काइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि विदेशों से भी साइबर ठग शामिल होने के लिंक मिले हैं। साथ ही पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया है कि उनके दस्तावेजों से राजस्थान और हरियाणा में 90 से 95 अलग—अलग अकाउंट खुलवाए है। ये एटीएम, पासबुक, चेकबुक, अकाउंट में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आदि अपने पास रख लेते है। साथ ही उन्हें 20—20 हजार रुपये प्रत्येक अकाउंट से हिसाब से दिए जाते है। अभी तक फरार चल रहे दोनों आरोपी इन्हें 4 लाख रुपये दे चुके है। साथ ही 50—50 रुपये और देने का वादा किया है। इस तरह की थी धोखाधड़ी पार्क ऐवेन्यू गौर सिटी नोएडा सी—203 निवासी तरुण वार्ष्णेय की मेल आईडी पर 8 जनवरी 2019 को यूनाइटेड किंगडम से एडवोकेट ब्रुज ऐडी के नाम से ईमेल आया। जिसमें कहा कि ब्रज वार्ष्णेय की 2005 में सपरिवार मौत हो चुकी है। जिसके नॉमिनी बनने के लिए वार्ष्णेय गौत्र की आवश्यकता है। वार्ष्णेय होने की वजह से उन्हें प्रस्ताव दिया गया। साथ ही उन्हें बताया कि बैंक लॉकर में उनकी 12.5 मिलियन पाउंड की नकदी और प्रॉपर्टी है। जो कि वादी के नाम ट्रॉसफर कर दी जाएगी। इसका 50 प्रतिशत ब्रुज ऐडी का होगा। उसके बाद तरुण के मेल पर यूनाईटेड एटॉनी जनरल का मेल आया कि नैटिकस बैंक में रकम को रिलीज करने के फॉर्म भरने के लिए कहा। आरबीआई में पूरी संपत्ति जमा कराने का भी आया था मेल जिसमें स्वर्गीय ब्रज वार्ष्णेय का लॉकर है। इसके बाद नैटिकस बैंक का उन्हें एक और मेल आया। जिसमें कहा गया है कि ब्रज वार्ष्णेय की पूरी संपत्ति आरबीआई मुंबई में जमा करा दी गई है। उसके बाद आरबीआई विदेशी मुद्रा विनिमय विभाग देहरादून से मेल आने लगे। जिसमें कहा गया है कि विदेशी करंसी केार भारतीय करेंसी में बदलने, रजिस्ट्री, वारिसान परिवर्तन, कस्टम ड्यूटी आदि के नाम पर अलग—अगल 25 बैंक के अकाउंट में उनसे करीब 60 लाख रुपये जमा करवाए गए।


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