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रिचार्ज न करने पर मोबाइल नंबर बंद, अकाउंट से निकल गए 16 लाख... कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलती!

गाजियाबाद दो नंबर यूज करने वाले अक्सर एक नंबर को रिचार्ज करने या उसके बंद होने की स्थिति में उसे दोबारा जारी कराने में लापरवाही करते हैं।...

गाजियाबाद दो नंबर यूज करने वाले अक्सर एक नंबर को रिचार्ज करने या उसके बंद होने की स्थिति में उसे दोबारा जारी कराने में लापरवाही करते हैं। अगर वह नंबर आधार कार्ड और बैंक खाते से लिंक्ड है तो यह लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है। दरअसल इस तरह की लापरवाही का फायदा जालसाज उठा रहे हैं। मधुबन बापूधाम पुलिस और साइबर सेल ने ऐसे चार ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक शख्स के बैंक अकाउंट से लिंक्ड नंबर के हाथ लगने के बाद उसके खाते से करीब 16 लाख रुपये निकाल लिए। लोगों से करते थे ठगी एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के नाम भानु प्रताप शर्मा, त्रिलोक शर्मा, दीपक और विपिन राठौर हैं। भानु और उसका भाई त्रिलोक दोनों दिल्ली के अशोक नगर में FSSAI का लाइसेंस दिलवाने के नाम पर भी लोगों से कॉल सेंटर चला ठगी कर रहे हैं। 5 लाख कैश बरामद दोनों 2019 से ठगी का कॉल सेंटर चला रहे हैं। गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी मिली है, उनकी भी तलाश की जा रही है। बदमाशों के पास से मोबाइल, 20 से अधिक एटीएम और पीड़ित से ठगे गए रुपयों में से 5 लाख कैश व खरीदी गई आर्टिगा कार बरामद की है। बैंक में अपडेट नहीं हुआ था नंबर सीओ साइबर सेल अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि गौरव गुप्ता मधुबन बापूधाम क्षेत्र की एक कॉलोनी में रहते हैं। इनकी बहन जीएसटी विभाग में डिप्टी कमिश्नर हैं। गौरव गुप्ता का आधार और बैंक खाते से लिंक्ड नंबर कई दिनों से रिचार्ज नहीं होने के कारण बंद हो गया था। उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा में नंबर अपडेट कराने की ऐप्लीकेशन दी थी, लेकिन वह अपडेट नहीं हो पाया। दिल्ली के रहने वाले विपिन को अलॉट हो गया नंबर बाद में यह नंबर दिल्ली के रहने वाले विपिन राठौर को अलॉट हो गया। जब उसके पास बैंक से जुड़े मेसेज आए तो उसने इस मामले भानु प्रताप शर्मा नाम के शख्स को जानकारी दी, जो पूर्व में इस प्रकार के फ्रॉड कर रहा था। भानु प्रताप ने नंबर को चेक किया तो पता चला कि वह नंबर गौरव के आधार कार्ड से भी लिंक है और अकाउंट में काफी रुपये भी हैं। इसके बाद उसने विपिन के साथ मिलकर फर्जी पेपर तैयार कर ठगी की प्लानिंग शुरू की। कमीशन के रूप में ली मोटी रकम विपिन से पूछताछ में सामने आया है कि भानु प्रताप ने अकाउंट में करीब 16 लाख रुपये होने की जानकारी मिलने पर 8 लाख रुपये में उसका साथ देने की बात कही थी। जिसके बाद उन्होंने दीपक नाम के शख्स से संपर्क किया। उसे गौरव गुप्ता का आधार कार्ड डाउनलोड करने का काम दिया गया। इसके बदले में दीपक ने 1 लाख 30 हज़ार रुपये की मांग की, जिस पर सहमति बन गई। यूट्यूब से सीखा आधार कार्ड डाउनलोड करना इसके बाद उसने यूट्यूब पर पूरी प्रक्रिया का पता किया कि सिर्फ मोबाइल नंबर के जरिये आधार कार्ड कैसे डाउनलोड कर सकते हैं। इस ट्रिक को जानने के बाद उसने गौरव गुप्ता का आधार कार्ड डाउनलोड कर लिया। फिर उसमें गौरव की फोटो की जगह विपिन राठौर की फोटो लगा दी। इस आधार कार्ड के जरिये इन लोगों ने बैंक ऑफ बड़ौदा से गौरव गुप्ता के खाते से जुड़ा नया डेबिट कार्ड जारी करा लिया। डेबिट कार्ड मिलने के बाद त्रिलोक शर्मा ने गौरव गुप्ता के खाते की नेट बैंकिंग शुरू कर अकाउंट से रुपये ट्रांसफर कर लिए। ठगी के बाद मिले रुपये से विपिन ने दीपक व भानु प्रताप को उनका हिस्सा दे दिया। उसने बाकी पैसों से पुरानी आर्टिगा कार ली और कुछ रुपये अपने पास रखे। पीड़ित को जब पैसे निकलने के बात पता चली तो उसने 31 जुलाई को मधुबन बापूधाम थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद साइबर सेल ने जांच शुरू की और आरोपितों को रविवार को अरेस्ट कर लिया। गूगल पर ऐड दे लाइसेंस दिलवाने के नाम पर करते थे ठगी पुलिस पूछताछ में पता चला है कि भानु प्रताप शर्मा अपने भाई त्रिलोकी के साथ दिल्ली के अशोक नगर में कॉल सेंटर चलाता है। जहां वह गूगल पर ऐड देकर लोगों को घर बैठे रेस्तरां, ढाबे और दूसरे फूड स्टॉल के लाइसेंस दिलवाने के नाम पर ठगी करता है। वह लोगों से 5 से 10 हजार रुपये फीस के नाम पर वसूलता है। आरोपितों ने बताया कि उनका गैंग 2 साल में सैकड़ों लोगों से 1 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है। साथ ही वह अपने साथियों के साथ अन्य गैंग की भी मदद करता है। इन बातों का रखें ध्यान -अगर आप दो नंबर यूज करते हैं और किसी कारणवश अपने मेन नंबर जो आधार व बैंक खातों से लिंक्ड है को ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते तो भी उसे समय-समय पर रिचार्ज करते रहें। इससे आपका नंबर बंद नहीं होगा। -दरअसल 4 महीने तक किसी भी नंबर को रिचार्ज न करने पर वह बंद हो जाता है। कुछ समय बाद वह नंबर किसी और को अलॉट हो जाता है। ऐसे में आपको रिचार्ज वैलिडिटी पर ध्यान देना चाहिए। -अगर कोई मोबाइल नंबर खो गया है या बंद हो गया है तो उसे फिर से जारी कराने में बिल्कुल भी लापरवाही न करें। जल्द से जल्द संबंधित कंपनी के स्टोर में जाकर उसे जारी करा लें। -आप किसी नंबर को जारी नहीं रखना चाहते तो उसे ऐसे छोड़ने से अच्छा है कि आप कंपनी से संपर्क करके उसे बंद करा दें। -अगर बैंक व आधार से जुड़ा नंबर बदलना चाहते हैं या वह आपके पास से किसी और को चला गया है तो फौरन नया नंबर खाते व आधार में अपडेट कर लें।


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