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दिल्ली से एमपी पहुंचते ही इस मजदूर को मिलती है सुरक्षा, 24 घंटे साथ चलता एक जवान, जानें क्यों

पुलिस के साथ बाइक पर बैठे इस शख्स का नाम तुलसीदास अहिरवार है। तुलसी पेशे से मजदूर है। पुलिसकर्मी ने इन्हें बाइक से घूमा नहीं रहा, बल्कि इनकी...

पुलिस के साथ बाइक पर बैठे इस शख्स का नाम तुलसीदास अहिरवार है। तुलसी पेशे से मजदूर है। पुलिसकर्मी ने इन्हें बाइक से घूमा नहीं रहा, बल्कि इनकी सुरक्षा में तैनात है। ऐसे में आपके मन में यह भी सवाल उठता होगा कि पुलिसकर्मी आखिर मजदूर की सुरक्षा क्यों कर रहा है तो हम आपको बताते हैं कि आखिर माजरा क्या है। इस मजदूर ने एक बैंक के मैनेजर को रिश्वत लेते हुए पकड़वाया है। मैनेजर केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है, इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर टीकगमढ़ पुलिस ने सुरक्षा उपलब्ध करवाई है।

पुलिसवाले आम तौर पर वीआईपी लेगों की ही व्यक्तिगत सुरक्षा में लगे रहते हैं। मगर एक मजदूर की सुरक्षा में अगर पुलिस बल के जवान लगे हो तो सुनकर आपको हैरानी होगी। एमपी के टीकमगढ़ जिले में एक मजदूर की सुरक्षा में पुलिस जवान लगे हैं।


दिल्ली से एमपी पहुंचते ही इस मजदूर को मिलती है सुरक्षा, 24 घंटे साथ चलता एक जवान, जानें क्यों

पुलिस के साथ बाइक पर बैठे इस शख्स का नाम तुलसीदास अहिरवार है। तुलसी पेशे से मजदूर है। पुलिसकर्मी ने इन्हें बाइक से घूमा नहीं रहा, बल्कि इनकी सुरक्षा में तैनात है। ऐसे में आपके मन में यह भी सवाल उठता होगा कि पुलिसकर्मी आखिर मजदूर की सुरक्षा क्यों कर रहा है तो हम आपको बताते हैं कि आखिर माजरा क्या है। इस मजदूर ने एक बैंक के मैनेजर को रिश्वत लेते हुए पकड़वाया है। मैनेजर केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहा है, इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर टीकगमढ़ पुलिस ने सुरक्षा उपलब्ध करवाई है।



क्या है मामला
क्या है मामला

दरअसल, टीकमगढ़ जिले के श्रीनगर गांव के रहने वाले तुलसीदास अहिरवार ने वर्ष 2017 में बैंक मैनेजर वीरेंद्र कुमार जैन को ₹4000 की रिश्वत लेते हुए सीबीआई जबलपुर से रंगेहाथों गिरफ्तार कराया था। मामले की सुनवाई सीबीआई कोर्ट भोपाल में चल रही है। इसी बीच मैनेजर ने तुलसीदास अहिरवार पर बयान से पलटने के लिए दबाव बनाते रहे। तुलसीदास ने मैनेजर की बात नहीं मानी। इसके बाद 30 मार्च 2021 को तुलसीदास के भतीजे शंकर अहिरवार का शव गांव से कुछ दूर नार गुढा के जंगल में लटकता मिला है।



गांव के लोगों पर लगाया आरोप
गांव के लोगों पर लगाया आरोप

इस घटना के बाद तुलसीदास अहिरवार ने गांव के कुछ लोगों पर भतीजे की हत्या करने का आरोप लगाया। साथ ही कॉल डिटेल के साथ-साथ मामले की बारीकी से जांच की मांग की है। इसे लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में तुलसीदास ने याचिका दायर की। मामला संदिग्ध होने के चलते फरियादी को हाईकोर्ट ने सुरक्षा उपलब्ध कराई है।



साए की तरह से तुलसीदास के साथ रहते पुलिसकर्मी
साए की तरह से तुलसीदास के साथ रहते पुलिसकर्मी

टीकमगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुन्नालाल चौरसिया ने बताया कि चार अगस्त को जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद मजदूर तुलसीदास को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली से जब भी तुलसीदास अपने घर आता है, तो वह पहले देहात थाना प्रभारी को फोन पर सूचना देता है। इसके बाद उन्हें सुरक्षा गार्ड उपलब्ध करा दिया जाता है।



24 घंटे सुरक्षा में तैनात रहते जवान
24 घंटे सुरक्षा में तैनात रहते जवान

वहीं, तुलसीदास अहिरवार जब तक टीकमगढ़ में रहता है, पुलिसकर्मी उसकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। तुलसीदास के पास अपनी कोई कार या बाइक नहीं है। इसलिए सुरक्षा में तैनात जवान अपनी बाइक से ही तुलसीदास अहिरवार को लेकर घूमते हैं। इस दौरान लोग देखकर हैरान भी रह जाते हैं।



साइकल सवार को भी मिली है सुरक्षा
साइकल सवार को भी मिली है सुरक्षा

गौरतलब है कि एमपी में पहली बार ऐसा नहीं हो रहा है। व्यापमं मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी भी साइकल से चलते हैं। उनकी सुरक्षा में भी पुलिस जवान की तैनाती रहती है। आशीष को साइकल पर लेकर पुलिसकर्मी चलता है। आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष के पास भी कोई अपनी गाड़ी नहीं है।





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