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बिहार पंचायत चुनाव की पाठशाला: क्या सरपंच किसी को जेल भेज सकता है? जानें ग्राम कचहरी की पूरी डिटेल

पटना बिहार में ग्राम पंचायत चुनाव (Bihar Gram panchyat) की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी गई। इसके साथ ही पंचायत चुनाव () वाले क्षेत्रों ...

पटना बिहार में ग्राम पंचायत चुनाव (Bihar Gram panchyat) की अधिसूचना मंगलवार को जारी कर दी गई। इसके साथ ही पंचायत चुनाव () वाले क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि राज्य में पंचायत चुनाव 11 चरण में संपन्न कराए जाएंगें। बिहार में पहली बार पंचायत चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल होगा। पंचायत चुनाव में छह पदों, मुखिया, पंच, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए मतदान होगा। पंचायत चुनाव एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है जिसमें आम जनता की सीधे भागीदारी होती है। इस चुनाव को संसदीय व्यवस्था का प्राइमरी स्कूल माना जाता है। गांव के युवा भी इस चुनाव में भाग्य आजमाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशियों से गांव के लोगों का सीधा सरोकार होता है। इसलिए नवभारत टाइम्स.कॉम ने एक सीरीज चला रहा है जिसमें आपको बिहार पंचायत (Bihar panchyat) से जुड़े तमाम पदों के अधिकार और कार्य करने के तरीके के बारे में डिटेल जानकारी दी जा रही है। इस स्टोरी में हम (Gram Gram kachari), सरपंच (Sarpanch) और पंच (Panch) की बात करेंगे। बिहार में ग्राम कचहरी, सरपंच और पंच क्या होता है? बिहार संभवत: अकेला ऐसा राज्य है जहां बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा-90 के तहत ग्राम कचहरी की स्थापना का प्रावधान है। सभी पंचायतों में ग्राम कचहरी (Gram Gram kachari) का गठन किया गया है। पंचायत के अंतर्गत आने वाले वोटर वोट देकर ग्राम कचहरी को चलाने वाले करते हैं। गांव के लोगों के जीवन को सुखमय और सौहार्दपूर्ण बनाने के लिए ग्राम कचहरी की स्थापना की गई है। ग्राम कचहरी में गांव के लोग अपने विश्वास से चुने गये जन प्रतिनिधियों की मदद लेकर बिना किसी उलझन एवं परेशानी के, बिना किसी अनावश्यक खर्च के सुलभ न्याय पाते हैं। हर पंचायत की ग्राम कचहरी में न्यायपीठ का गठन चार पंच और सरपंच सहित कुल पांच सदस्यों से किया जाता है। सरपंच और पंच की जिम्मेदारी होती है कि वाद दायर होने के बाद वह सौहाद्रपूर्ण समझौता से वाद का निष्पादन करें। सौहाद्रपूर्ण समझौता नहीं होने की स्थिति में न्यायपीठ जांच कर अपना निर्णय सुना सकती है। किन धाराओं में सजा सुना सकती है ग्राम कचहरी ग्राम कचहरी को दाण्डिक अधिकारिता के अन्तर्गत भारतीय दण्ड संहिता की धारा- 140, 142, 143, 145, 147, 151, 153, 160, 172, 174, 178, 179, 269, 277, 283, 285, 286, 289, 290, 294(ए), 332, 334, 336, 341, 352, 356, 357, 374, 403, 426, 428, 430, 447, 448, 502, 504, 506 एवं 510 के तहत किये गये अपराधों के लिये केस को सुनने एवं निर्णय देने का अधिकार है। सरपंच किसी को नहीं भेज सकता जेल क्रिमिनल धाराओं की सुनवाई के बाद ग्राम कचहरी को 1000 रुपये तक जुर्माना करने का अधिकार है। लेकिन ग्राम कचहरी को कारावास की सजा देने का कोई अधिकार नहीं है। क्या संपत्ति विवाद सुलझा सकते हैं सरपंच और पंच? ग्राम कचहरी को अपनी सिविल अधिकारिता के तहत धारा-110 के अनुसार 10000 रुपये से कम मूल्य से संबंधित निम्नलिखित सिविल मामलों में लगान की वसूली, चल सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने, बंटवारा के मामला को सुनने का अधिकार दिया गया है। क्या ग्राम कचहरी के फैसले को कोर्ट में दी जा सकती है चुनौती? ग्राम कचहरी की न्यायपीठ के किसी आदेश या निर्णय के विरूद्ध अपील आदेश पारित होने के 30 दिनों के भीतर ग्राम कचहरी में पूर्ण न्यायपीठ के समक्ष दायर की जायेगी, जिसमें 7 पंचों से गणापूर्ति होगी। ग्राम कचहरी के पूर्ण पीठ के न्याय निर्णय के विरूद्ध आदेश पारित होने के 30 दिनों के अन्दर सिविल मामले में अवर न्यायाधीश के समक्ष एवं आपराधिक मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष दायर की जायेगी। थाने के साथ कैसे मिलकर काम करती है ग्राम कचहरी धारा-113 के अन्तर्गत ग्राम कचहरी के न्यायपीठ की ओर से विचारणीय कोई अपराध किये जाने की स्थिति में किसी थाना पदाधिकारी को दिये गये प्रत्येक सूचना की जानकारी ग्राम कचहरी की न्यायपीठ को, जिसके सीमा क्षेत्र में अपराध किया गया है, ऐसी सूचना की प्राप्ति के 15 दिनों के अन्दर दी जायेगी। यानी ग्राम कचहरियों के अधिकार क्षेत्र के मामले में पुलिस की ओर से कार्रवाई न कर उन्हें ग्राम कचहरियों के द्वारा सुलझा लिये जाने की व्यवस्था पुलिस की ओर से भी सुनिश्चित किया जाता है। दण्डाधिकारी या मुंसिफ के न्यायालय के समक्ष लंबित किसी मामले में किसी स्तर पर यदि संज्ञान में यह आता है कि मामला ग्राम कचहरी के न्यायपीठ के द्वारा विचारणीय है, तो यथास्थिति संबंधित न्यायालय तुरंत ऐसे मामले या वाद को ग्राम कचहरी को अन्तरित कर देगा। पुलिस विभाग को ग्राम कचहरियों को सहयोग देने के लिए पुलिस मुख्यालय से आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।


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