भोपाल ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण () दिलाने के लिए एमपी में सियासत जारी है। सितंबर महीने में इसे लेकर हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई है। विधानसभ...

भोपाल ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण () दिलाने के लिए एमपी में सियासत जारी है। सितंबर महीने में इसे लेकर हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई है। विधानसभा के मानसून सत्र में इसे लेकर खूब हंगामा हुआ था। अब कोर्ट में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिलाने के लिए एमपी सरकार मजबूती के साथ पक्ष रखेगी। इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुलाकात की है। चर्चा है कि सीएम शिवराज दिल्ली में दूसरे वरिष्ठ वकीलों से भी मिलेंगे। दिल्ली में वरिष्ठ वकीलों से मिलने से पहले सीएम शिवराज ने भोपाल में मंत्रियों, विधायकों और महाधिवक्ता के साथ कुछ दिन पहले बैठक की थी। इस दौरान तमाम अड़चनों पर चर्चा की थी। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की गई थी कि पिछली सरकार में कहां चूक हुई, जिसकी वजह से ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया। विधानसभा में हंगामे के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि कोर्ट से स्टे लगने के बाद तत्कालीन कमलनाथ की सरकार वहां महाधिवक्ता को खड़ा नहीं कर पाई थी। हालांकि कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज सरकार ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देना नहीं चाहती है। अगामी चुनावों में यह बड़ा मुद्दा है। इसलिए शिवराज सरकार अपने हाथों से इसे जाने नहीं देना चाहती है। गौरतलब है कि एमपी में ओबीसी की बड़ी आबादी है। प्रदेश में 52 फीसदी आबादी ओबीसी की है। ऐसे में वर्तमान सरकार ओबीसी को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। खासकर तब जब कुछ महीने बाद ही राज्य में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिलाकर ही रहेंगे।
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