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अपने घर के सपने के साथ 12 साल इंतजार, अब बायर्स की उम्मीदें भी 'ध्वस्त'.. सुपरटेक ने दिया गहरा दर्द

नोएडा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट के फ्लैट बायर्स की उम्मीदें भी जमीन पर आ गई हैं। इन दोनों टावर में ...

नोएडा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुपरटेक के एमरॉल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट के फ्लैट बायर्स की उम्मीदें भी जमीन पर आ गई हैं। इन दोनों टावर में बायर्स ने 2009 में फ्लैट खरीदा था। इसके बाद आरडब्ल्यूए और बिल्डर के विवाद में बायर्स के आशियाने फंस गए। अब सुप्रीम कोर्ट ने दोनों टावर जिनमें उनके फ्लैट हैं अवैध मानते हुए तोड़ने का आदेश दे दिया है। साथ यह भी कहा है कि बिल्डर बायर्स का 12 फीसदी ब्याज के साथ पैसा वापस करे। कोर्ट के आदेश का इंतजार दोनों टावर में फ्लैट खरीदने वाले बायर्स भी मंगलवार सुबह से ही कर रहे थे। बायर्स का कहना है कि वह अपनी गलती नहीं समझ पा रहे हैं। नोएडा अथॉरिटी के अप्रूव्ड लेआउट और प्रॉजेक्ट में यह सोच कर फ्लैट लिया कि खुद का घर हो जाएगा। किसी ने लोन तो किसी ने जिंदगी भर की जमा पूंजी बिल्डर को सौंप दी। फिर उसकी किश्त भरते रहे। 12 साल से लोग हैं परेशान गुड़गांव में किराए के मकान में रह रहे फ्लैट बायर्स धीरेंद्र ने कहा कि वह सदमे में हैं। खुद का घर होगा यह सोचकर फ्लैट लिया था। इसी तरह वसंधुरा निवासी वंदना सिंह बताती है कि बिल्डर की तरफ से उनको अब तक यही बताया गया कि 25वीं मंजिल पर उनका फ्लैट है। इंतजार ही करते रह गए कि घर मिलेगा। इसी तरह अरविंद ने बताया कि फ्लैट का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद 12 साल से परेशान हूं। प्रॉजेक्ट में फंसे हैं 252 बायर्स दोनों टावर में फंसे फ्लैट बायर्स की करें तो सुप्रीम कोर्ट में सुपरटेक बिल्डर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक एपेक्स और सियान टावर में कुल 915 फ्लैट और 21 दुकानें हैं। शुरु में 633 लोगों ने बुकिंग करवाई थी। 248 बायर्स का पैसा वापस दिया जा चुका है। 133 बायर्स सुपरटेक के दूसरे प्रॉजेक्ट में सेटल हो गए हैं। 252 बायर्स अभी बचे हैं।


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