गाजियाबाद 16 साल बाद एक बेटी ने अपने शहीद पिता के शव को देखा। एक टक बस निहारती रही। जुबान खामोश थी। आंखें बहुत कुछ कह रही थीं। जब पिता शह...
गाजियाबाद 16 साल बाद एक बेटी ने अपने शहीद पिता के शव को देखा। एक टक बस निहारती रही। जुबान खामोश थी। आंखें बहुत कुछ कह रही थीं। जब पिता शहीद हुए थे, तब वह गर्भ में थी। शहीद की पत्नी 16 साल से बस शव देखने के लिए तड़पती रही। अब जब अपने पिता को जिंदा तो नहीं उनका पार्थिव शरीर देकर तो वह फफक पड़ी। बिहार रेजिमेंट के जवान शव लेकर मंगलवार को हिसाली गांव पहुंचे तो पूरा इलाका भारत मां की जय के नारे से गूंज उठा। सैन्य सम्मान के नायक अमरीश त्यागी का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम विदाई में भीड़ इतनी जुटी थी कि मेरठ हाइवे पर 3 घंटे तक जाम की स्थिति रही। 16 साल पहले तिरंगा फहराने गए थे हिसाली गांव के अमरीश त्यागी सेना की ऑर्डिनेंस कोर में नायक थे। हिमालय की संतोपत चोटी (70-75) के पास आखिरी लोकेशन मिली थी। 16 साल पहले 24 अक्टूबर को आगरा से चोटी पर तिरंगा फहराने गए थे। अपनी पोस्ट पर लौटते समय 3 साथियों के साथ बर्फीली तूफान की वजह से लापता हो गए थे। मिले थे तीन साथियों के शव उनके 3 साथियों के शव तो मिल गए थे, लेकिन अमरीश का पता नहीं चला था। 23 सितंबर को सेना का एक पर्वतारोही दल उसी रूट से निकल रहा था। एक खाई में सैन्य वर्दी में पर्वतारोही दल को जो शव उसे गंगोत्री पोस्ट पर सेना के हवाले कर दिया। जांच में वह शव अमरीश त्यागी का निकला। सेना की बिहार रेजिमेंट के जवान मनोज कुमार, मंटू कुमार यादव, पराधी गणेश, संजय और चंदन कुमार गंगोत्री से शहीद अमरीश का शव लेकर मुरादनगर पहुंचे। 2 साल पहले मां की हो चुकी है मौत अमरीश की मां विद्या देवी की 2019 में मौत हो गई थी। अमरीश के साथ जो हादसा हुआ, उसके एक साल बाद उनकी पत्नी ने दूसरी शादी कर ली और उनकी बेटी को जन्म दिया। बेटी के चचेरे भाई दीपक त्यागी ने मुखाग्नि दी। विधायक, अधिकारी और नेताओं की लगी भीड़ शहीद अमरीश का शव उनके गांव हिसाली पहुंचा तो विधायक अजीतपाल त्यागी भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। कई जगह शहीद को पुष्प वर्षा की गई। एसडीएम मोदीनगर आदित्य प्रजापति, मुरादनगर थाना इंचार्ज सतीश कुमार, ब्लॉक प्रमुख राजीव त्यागी, भाजपा नेता मनोज शर्मा, बसपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव, सपा के लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव नितिन त्यागी समेत कई लोग शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे। मेरठ में हुए थे सेना में भर्ती अमरीश त्यागी वर्ष 1995-96 में मेरठ में सेना में भर्ती हुए थे। कई जगह तबादले के बाद 1999 में करगिल युद्ध के दौरान उनकी तैनाती लेह लद्दाख में हुई थी। अमरीश का हवाई जहाज से सबसे ज्यादा ऊंचाई से कूदने के मामले में देशभर में नाम था भाई राम कुमार त्यागी का कहना है कि अमरीश वर्ष 2005 में सियाचिन पर झंडा फहरा चुके थे। लौटते समय 23 अक्टूबर 2005 को हर्षिल क्षेत्र में दुर्घटना हो गई और 3 अन्य जवानों के साथ वह खाई में गिर गए। तीनों के पार्थिव शरीर तो मिल चुके थे, लेकिन खाई की गहराई काफी होने के कारण उनका सुराग नहीं लग सका। हालांकि, सेना ने उनको तलाश करने के लिए काफी प्रयास किया था।
from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3me5FTs
https://ift.tt/3CYzoWS
No comments