गुरुग्राम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गुरुग्राम में एंबिएंस मॉल के मालिक राज सिंह गहलोत को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार करने के एक मह...

गुरुग्राम प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गुरुग्राम में एंबिएंस मॉल के मालिक राज सिंह गहलोत को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार करने के एक महीने बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उनके और उनकी फर्म के दो अन्य निदेशकों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर बैंक से कथित तौर पर 289 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में केस दर्ज किया है। बैंक को धोखा देने वाले अधिकारियों की पहचान होना बाकी गहलोत के अलावा सीबीआई ने उनकी फर्म के अन्य निदेशकों, अमन हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और कुछ बैंक अधिकारियों को भी आरोपी बनाया है। हालांकि अभी तक उन बैंक अधिकारियों की पहचान नहीं की गई है, जो बैंक को धोखा देने की साजिश रच रहे थे। FIR के मुताबिक, एंटी करप्शन ब्यूरो ने इन आरोपों की पुष्टि की है कि नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर बैंक की अंसल प्लाजा शाखा के अधिकारियों ने अमन हॉस्पिटैलिटी को सैकड़ों करोड़ रुपये का लोन जारी किया था। बाद में, बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से कथित रूप से एकमुश्त निपटान की सुविधा के लिए लोन को नॉन परफॉर्मिंग असेट घोषित किया गया था। फाइव स्टार होटल बनाने के नाम पर धोखाधड़ी अधिकारियों ने कहा कि अमन हॉस्पिटैलिटी ने 20,000 वर्ग मीटर के एक प्रोजेक्ट प्लॉट को गिरवी रखकर जिसमें पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में एक 5 स्टार होटल बनाना भी शामिल था, 227 करोड़ रुपये का एक टर्म लोन और बैंक गारंटी के तौर पर 15 करोड़ रुपये प्राप्त किया था। जम्मू-कश्मीर बैंक के अधिकारियों ने धोखाधड़ी में गहलोत और अमन हॉस्पिटैलिटी के प्रमोटर-डायरेक्टर दयानंद सिंह और अमन गहलोत के साथ कथित तौर पर मिलीभगत की। एक अधिकारी के खुलासे के मुताबिक, 'जम्मू-कश्मीर बैंक ने अवैध रूप से और दुर्भावनापूर्ण इरादों के साथ 289.3 करोड़ रुपये की बकाया राशि के मुकाबले 128.9 करोड़ रुपये की लोन राशि का निपटारा किया, जो कि मूल राशि 261.5 करोड़ रुपये से भी कम है।' इस धोखाधड़ी से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ वेरिफिकेशन के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि जम्मू-कश्मीर बैंक ने एक संदिग्ध सौदे को अंजाम दिया था, जिसने वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा ब्याज अधिनियम, 2002 के तहत उचित कार्यवाही का सहारा लिए बिना प्रमोटरों को भारी आर्थिक लाभ प्रदान किया और इसके चलते सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। सीबीआई ने अगस्त में भी छापेमारी की थी आपको बता दें कि बीते अगस्त में भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद छापेमारी की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने भवन उप-नियमों और अन्य वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करके 18.9 एकड़ पर अवैध रूप से एक मॉल बनाया था।
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