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घर के पास हूं, 5 मिनट में आया.. बीवी को बोल कहां गायब हो गए विक्रम त्यागी, 15 महीने बाद भी सुराग नहीं

गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले ने पिछले साल 26 जून को पत्नी से फोन कर कहा कि वह ऑफिस से निकलकर घर पहुंचने वाले हैं। 5 म...

गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले ने पिछले साल 26 जून को पत्नी से फोन कर कहा कि वह ऑफिस से निकलकर घर पहुंचने वाले हैं। 5 मिनट के अंदर घर पहुंचने की बात कहने वाले विक्रम अभी तक घर नहीं लौट सके हैं। 15 महीने बीत गए और उनकी पत्नी अभी भी दरवाजे पर उनकी दस्तक का इंतजार कर रही हैं। इस दौरान तीन जिले में एसपी, तीन एसएसपी और इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर बदल गए लेकिन त्यागी का कोई सुराग नहीं लग सका है। विक्रम त्यागी राजनगर एक्सटेंशन में अपनी पत्नी, 12 साल के बेटे और 8 साल की बेटी के साथ रहते थे। वह अपने चाचा की कंपनी में काम करते थे। उनके चाचा की राजेश्वर बिल्डर्स नाम की कंपनी है। इस कंपनी ने यूपी में कई बिल्डिंगों के प्रॉजेक्ट किए हैं। शाम को अंतिम बार 7.45 पर उनकी अपनी पत्नी निधी के साथ बात हुई थी। फोन पर उन्होंने निधी को बताया था कि वह सोसायटी के गेट से बस सौ मीटर की दूरी पर हैं, बस पांच मिनट में घर पहुंच जाएंगे। सोसाइटी के गेट से 100 मीटर दूर थे 36 साल के त्यागी कहां-किस हाल में हैं, जिंदा हैं भी या नहीं, इसको लेकर भी संशय बरकरार है। राजनगर एक्सटेंशन की केपीडी ग्रांड सवाना में रहने वाले त्यागी उस शाम को अपनी सोसाइटी के गेट से 100 मीटर की दूरी पर ही थे, जब पत्नी को फोन किया था। आधी रात तक भी नहीं लौटने पर परिवार ने पुलिस को सूचना दी। आस-पास के जिलों में भी मेसेज दे दिया गया। गाड़ी की सीट पर खून.. कौन थे वे दोनों! एक पेट्रोल टीम ने मुजफ्फरनगर के खतौली इलाके में रात एक बजे एक चेकपोस्ट पर त्यागी की इनोवा गाड़ी को पाया। गाड़ी में बैठे 2 लोगों ने खुद को दिल्ली पुलिस का जवान बताया। चेकपोस्ट पुलिस ने जब उनसे गाड़ी की बैक सीट पर लगे खून के धब्बे के बारे में पूछा, तो वे बैरिकेड तोड़कर भाग निकले। 15 किलोमीटर तक पीछा करने के बावजूद पुलिस उन्हें पकड़ नहीं सकी। पुलिस की 8 टीमें, 700 CCTV फुटेज दो दिन के बाद 28 जून को विक्रम की इनोवा कार को चेकपोस्ट से 40 किलोमीटर दूर तितावी में लावारिस हाल में बरामद की गई। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने त्यागी को पकड़ने के लिए पुलिस की 8 टीमों का गठन किया। पुलिस ने गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर में करीब 700 सीसीटीवी क्लिप्स का निरीक्षण कर डाला। लेकिन हाथ कुछ नहीं आया। 600 अपराधियों से पूछचाछ और फिंगरप्रिंट मैच 22 जुलाई को लखनऊ में यूपी पुलिस हेडक्वार्टर ने नोएडा STF को ट्रांसफर कर दिया। लेकिन साथ ही को अपनी जांच जारी रखने का निर्देश भी दिया गया। पुलिस अभी तक अलग-अलग जेलों में बंद 600 संदिग्ध अपराधियों से पूछताछ कर चुकी है। कार में मिले फिंगरप्रिंट्स का मिलान भी उनके साथ किया गया। इसके साथ ही कार में खून के धब्बों को आसपास के इलाके में मिले 300 क्षत-विक्षत शरीरों के साथ मैच भी कराया जा चुका है। परिवार का खत्म हो रहा है भरोसा, CM लगाएंगे गुहार गाजियाबाद के पुलिस प्रमुख पवन कुमार ने कहा, 'हमारी टीमें इस केस पर काम कर रही हैं। एक समीक्षा बैठक भी जल्द की जाएगी।' वहीं विक्रम त्यागी के अंकल संजय त्यागी ने कहा कि पुलिस की जांच में परिवार का विश्वास खत्म होने लगा है। उन्होंने कहा, 'पिछले 15 महीनों से जारी तलाश में कोई प्रगति नहीं हुई है। हम सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर मामले में उनके हस्तक्षेप की गुजारिश करेंगे।'


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