अहमदाबाद शनिवार की दोपहर अचानक खबर आई कि गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया। चुनाव से करीब एक साल पहले राज्य में बीजेपी को क्य...

अहमदाबाद शनिवार की दोपहर अचानक खबर आई कि गुजरात के सीएम विजय रुपाणी ने इस्तीफा दे दिया। चुनाव से करीब एक साल पहले राज्य में बीजेपी को क्यों सत्ता परिवर्तन की जरूरत महसूस हुई? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृहराज्य में बीजेपी को किस बात का डर है? क्या राज्य की सियासत में नए खिलाड़ियों की एंट्री से समीकरण बदल रहे हैं? आइए जानते हैं कि रुपाणी को हटाने को बीजेपी क्यों मजबूर हुई? 1- बीजेपी को क्यों सता रही है चिंता? सूत्रों के मुताबिक विजय रुपाणी के नेतृत्व वाली सरकार के चुनाव में जाने पर बीजेपी को एंटी-इनकम्बेंसी की चिंता खाए जा रही थी। 2012 के मुकाबले जिस तरह 2017 में पार्टी की परफॉर्मेंस गिरी, उससे पार्टी के कान खड़े हो गए। पार्टी के लिए चुनौती सिर्फ कांग्रेस से नहीं है, अब आम आदमी पार्टी भी वहां पर मजबूती से पांव जमा रही है। इसी साल हुए निकाय चुनावों में AAP का खाता खुल चुका है। विधानसभा चुनाव से पहले AAP की यहां पर आक्रामक प्रचार करने की योजना है। 2- उपचुनाव में कांग्रेस ने 3 सीटें जीतकर बढ़ाई चिंता 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी राज्य की 182 सीटों में से 99 पर जीती थीं। मगर चिंता की बात यह थी कि कांग्रेस ने 1995 के बाद पहली बार 2017 में 77 सीटें जीती थीं। 2019 में लोकसभा चुनाव के ठीक बाद छह सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने तीन सीटें जीतकर बीजेपी की चिंता और बढ़ा दी। 3- अगले चुनाव को लेकर बीजेपी को क्या चिंता है? दिसंबर 2022 में गुजरात की 182 सीटों पर चुनाव होने हैं। बहुमत का आंकड़ा 92 है और BJP के पास फिलहाल 99 सीटें हैं। पार्टी ने 2017 विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर 5 हजार से कम वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। अगर इस बार एंटी इंकम्बेंसी की वजह से BJP की 16 सीटें भी कम हो जाती हैं तो उनकी संख्या 83 बचेगी। इसी तरह 32 ऐसी सीटें ऐसी हैं, जहां तीसरे नंबर वाले प्रत्याशी को मिले वोट जीत-हार के अंतर से ज्यादा हैं। ऐसी 18 सीटों पर BJP जीती है। ऐसे में 18 सीटें भी कम होती हैं तो पार्टी का आंकड़ा 81 सीटें बचेगा। ऐसे में BJP बहुमत के आंकड़े से दूर रह जाएगी और गुजरात में बना पार्टी का किला ढह सकता है। 4- क्या बीजेपी की मुसीबत बढ़ाएंगे नए दल? 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सिर्फ AAP ही नई चुनौती नहीं होगी। ममता बनर्जी की TMC पश्चिम बंगाल में जबर्दस्त जीत के बाद उत्साह से लबरेज है और गुजरात की ओर देख रही है। वहीं असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी गुजरात के महासमर में कूदने का ऐलान कर चुकी है। 5- बीजेपी ने एक साल में कितने सीएम बदले? गुजरात के सीएम विजय रुपाणी के इस्तीफे के साथ बीजेपी ने सालभर के अंदर चार मुख्यमंत्री बदल डाले हैं। उत्तराखंड में कुछ ही महीने के भीतर दो बार मुख्यमंत्री बदले गए। पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत और उसके बाद तीरथ सिंह रावत ने पद छोड़ा। अब पुष्कर सिंह धामी के पास कमान है। वहीं हाल ही में कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा भी बदल दिए गए। उनकी जगह एक दूसरे लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई को राज्य की कमान सौंपी गई।
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