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सावधान! कहीं दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाकर जेब खाली न कर दें ये फ्रेंड, चौंका रहे ये मामले

अरुण मौर्य, नोएडा साइबर ठगों की ओर से अपराध की दुनिया में पुलिस को हर दिन नई चुनौती मिल रही है। पुराने सिस्टम के साथ नए-नए अपराध और अपराध...

अरुण मौर्य, नोएडा साइबर ठगों की ओर से अपराध की दुनिया में पुलिस को हर दिन नई चुनौती मिल रही है। पुराने सिस्टम के साथ नए-नए अपराध और अपराधियों जो कि मीलों दूर बैठकर लोगों के ठग रहे हैं को पकड़ना कठिन हो रहा है। आजकल सोशल मीडिया पर दोस्ती का झांसा देकर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर हर उम्र के लोग सक्रिय हैं। जालसाज सोशल मीडिया पर अपना शिकार तलाशते हैं। फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों के पास दोस्ती के लिए रिक्वेस्ट भेजते हैं। रिक्वेस्ट स्वीकार होते ही ये अपनी बातों में फंसाकर उनसे उनकी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं। महिलाओं के नाम से बनाते हैं प्रोफाइल सोशल मीडिया पर ऐसी लाखों की संख्या में फर्जी प्रोफाइल है। जिन पर किसी महिला की फोटो लगी होती है। इस तरह के रिक्वेस्ट को लोग आसानी से स्वीकार कर लेते हैं। प्रोफाइल चलाने वाले ठग उनके साथ दोस्ती और प्यार की मीठी-मीठी बातें कर अकाउंट नंबर, पेटीएम डिटेल्स, यूपीआई डिटेल्स की जानकारी ले लेता है। हनी ट्रैपिंग है सबसे बड़ा तरीका हनी ट्रैपिंग ठगी का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। ठग आमतौर पर बड़े प्रोफाइल या ऐसे लोगों को शिकार बनाते हैं, जिन्हें सोशल मीडिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ऑनलाइन बातों के जरिये पहले उनके पर्सनल विडियो बनाकर फिर उनको ब्लैकमेल करते हैं। विदेशी प्रोफाइल से भी आते हैं रिक्वेस्ट विदेशी प्रोफाइल से भी लोगों के पास साइबर जालसाज रिक्वेस्ट करते हैं। ये अपने आप को विदेश के किसी देश का नागरिक बताकर आपसे दोस्ती करते हैं। साइबर मामले के जानकार क्या कहते हैं साइबर क्राइम विशेषज्ञ अनुज अग्रवाल ने बताया कि यह एक प्रकार का विज्ञापन है। जिसमें जालसाज खास करके महिला के नाम से बनी प्रोफाइल से लोगों को दोस्ती की पेशकश करते हैं। जिसके बाद यह उन्हें ऑनलाइन अश्लील बातें, ऑनलाइन सेक्स जैसे अनेक तरीकों का प्रयोग करके अपने जाल में फंसा लेते हैं। उनके साथ अपनी किसी भी प्रकार की जानकारी शेयर ना करें। मानव तस्करी के भी शिकार हो सकते हैं साइबर जालसाज कई बार दोस्त को मिलने के लिए बुलाते हैं। खासतौर से वह छोटे बच्चे एवं बच्चियों को टारगेट करते हैं। जालसाज उन्हें अपनी बातों के जाल में फंसा कर घर से भागने के लिए प्रेरित करते हैं। कई बार ये जालसाज उन्हें नौकरी लगवाने का झांसा भी देते हैं। जिसके बाद उन्हें ये पकड़ कर उनकी तस्करी कर देते हैं। कैसे बचें सकते हैं फ्रेंडशिप फ्रॉड से 1- सोशल मीडिया पर किसी को भी व्यक्तिगत जानकारी न दें। 2- सोशल मीडिया पर अपना कोई भी निजी डेटा न शेयर करें। 3 - अपनी प्रोफाइल पर प्राइवेसी सेटिंग लगा दें। 4- बच्चों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म की जांच करते रहें। 5 - बच्चों को इन दिनों होने वाली धोखाधड़ी के बारे में बताएं। 6- किसी के कहने पर कोई लिंक या किसी भी प्रकार का सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करें। 7- फिरौती की मांग या धमकी पर इसकी सूचना तत्काल पुलिस या साइबर सेल में दर्ज करवाएं। पिछले कुछ महीनों में शहर में दर्ज हुए इस तरह के मामले 17 सितम्बर : लखनऊ की रहने वाली एक किशोरी सोशल मीडिया के दोस्त से मिलने के लिए नोएडा आ गई। घरवालों की शिकायत पर किशोरी को पुलिस ने बरामद कर उसे सौंप दिया। 30 मार्च : नोएडा के सेक्टर 120 में रहने वाले एक इंजीनियर से सोशल मीडिया पर एक महिला ने दोस्ती का झांसा देकर उससे 1.8 लाख रुपए की ठगी की।


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