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घर के अंदर बंकर बनाकर चला रहे थे तमंचा फैक्ट्री, हथियारों का जखीरा देख पुलिस भी हैरान

गाजियाबाद यूपी के गाजियाबाद में मुरादनगर के पाइप लाइन रोड पर एक सामान्य सा दिखने वाला घर, लेकिन अंदर जाने के बाद जो देखने को मिला वह हैरा...

गाजियाबाद यूपी के गाजियाबाद में मुरादनगर के पाइप लाइन रोड पर एक सामान्य सा दिखने वाला घर, लेकिन अंदर जाने के बाद जो देखने को मिला वह हैरान करने वाला था। जमीन से 15 फीट नीचे हथियार तस्कर एक तमंचा फैक्ट्री चला रहे थे। मुंगेर (बिहार) से एक्सपर्ट को बुलाकर यहां उनसे हथियार बनवाए जा रहे थे। पुलिस को लोकल से मिली सूचना के बाद यहां तक पहुंच सकी। एसएसपी पवन कुमार ने बताया कि फैक्ट्री से मोहम्मद मुस्तफा, मोहम्मद सालम आलम, मोहम्मद कैफी आलम, सलमान और असगरी को गिरफ्तार किया गया है। डेढ़ लाख रुपये भी बरामद फैक्ट्री के मालिक जहिरूद्दीन और दमाद फय्याज फरार हैं। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। फैक्ट्री से .32 की 5 पिस्टल, 20 अधबने पिस्टल, 13 मैगजीन, 77 अलग-अलग बोर के कारतूस और 1 लाख 50 हजार रुपये कैश बरामद किए गए हैं। जहिरूद्दीन पर 25,000 का इनाम पुलिस ने बताया कि हथियार सप्लाई करने का काम जहिरूद्दीन ही करता था। उस पर मेरठ पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये का इनाम भी है, वह जमानत पर बाहर आया है। ऐसे में पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी के लिए पुलिस उसकी तलाश कर रही है। जुलाई से चल रही थी फैक्ट्री एसपी देहात ईरज राजा ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि पहले यह फैक्ट्री मेरठ में चल रही थी। वहां पुलिस के एक्शन के बाद जहीरूद्दीन और उसके दामाद ने मुरादनगर के पाइप लाइन रोड पर ही एक घर का प्रयोग हथियार बनवाने के लिए किया। उन्होंने बताया कि घर ऊपर से सामान्य है, जिसमें दो से तीन कमरे हैं, लेकिन उसके नीचे उसे बंकर बना रखा है। पुलिस टीम जब नीचे गई तो वहां एक और बंकर था। जमीन से करीब 15 फीट नीचे हथियार बनाने का कार्य चल रहा था। पुलिस के अनुसार फैक्ट्री से मिले हथियार काफी अच्छे तरीके से बनाए गए हैं। मुंगेर से आए कारीगर एक पिस्टल बनाने का लेते थे 3 हजार रुपये जानकारी के अनुसार फैक्ट्री में हथियार बनाने के लिए मोहम्मद मुस्तफा और सालम आलम को बुलाया गया था। हथियार बनाने का सभी सामान जहीरूद्दीन और फय्याज के द्वारा दिया जाता था। इसके बाद वह हथियार बनाकर उन्हें देते थे और उसे आगे सप्लाई किया जाता था। एसपी देहात ने बताया कि एक पिस्टल को तैयार करने के 3 हजार रुपये कारीगर लेते थे। जिसके बाद उसे आगे 40 हजार रुपये तक बेचा जाता था। पिस्टल बनाने वाले दोनों कारीगर मुंगेर में लंबे समय से अवैध पिस्टल बना रहे हैं। कई गैंग के संपर्क में होने का शक पूछताछ में सामने आया कि फैक्ट्री में बनने वाले हथियार सीधे वेस्टर्न यूपी के कुछ गैंग को दिए जाते थे। पुलिस की मानें तो फैक्ट्री से जिस प्रकार से हथियार मिले हैं इससे आशंका है कि बड़ी संख्या में हथियारों को सप्लाई किया गया है। हालांकि यह किन लोगों को और कितनी मात्रा में हुआ है यह जहीरूद्दीन की गिरफ्तारी के बाद साफ होगा। उसे पकड़ने के लिए टीम लगाई गई है।


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