बेंगलुरु कर्नाटक के मांड्या जिले में संथेबचहल्ली के ग्रामीणों ने एक मौलाना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मौलाना ने एक सरकारी उर्दू ...
बेंगलुरु कर्नाटक के मांड्या जिले में संथेबचहल्ली के ग्रामीणों ने एक मौलाना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस मौलाना ने एक सरकारी उर्दू स्कूल को अपना ठिकाना बना लिया है। उर्दू सरकारी स्कूल का निर्माण 45 साल पहले हुआ था। छात्रों के अभाव में इसे बंद कर दिया गया था। चूंकि स्कूल मस्जिद के पास स्थित है, इसलिए धर्मगुरुओं ने इसकी दीवारों को हरे रंग से रंग दिया है। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि उन्होंने इसे प्रार्थना कक्ष में भी बदल दिया है। आरोप है कि ग्राम पंचायत ने धर्मगुरुओं और मौलाना से हाथ मिलाया है। ग्राम पंचायत ने उर्दू स्कूल को धार्मिक केंद्र में बदलने की सहमति दे दी है। ग्रामीणों ने कहा कि मौलाना के निवास स्थान को रिकॉर्ड में बबिया के मंदिर बताया गया है। केआर के तहसीलदार शिवमूर्ति ने गुरुवार को गांव का दौरा किया और सरकारी उर्दू स्कूल का मौके पर निरीक्षण किया, जो अब मौलाना का निवास स्थान है। सांप्रदायिक तनाव के लिए जगह ना दें सरकारी अफसर: हिंदू जागरण वैदिक तहसीलदार ने कहा, ‘मुझे एक सरकारी स्कूल पर अतिक्रमण होने की शिकायत मिली है। ऐसा लगता है कि अतिक्रमण के बाद स्कूल को धार्मिक केंद्र में बदल दिया गया है। मैं रिकॉर्ड की जांच करूंगा और कार्रवाई के लिए इस संबंध में जिला आयुक्त को एक रिपोर्ट सौंपूंगा।’ वहीं, एक स्थानीय हिंदू जागरण वैदिक सदस्य नरेश ने कहा कि सरकारी संपत्ति पर अतिक्रमण नहीं किया जाना चाहिए। अधिकारियों को मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि गांव में विभिन्न धर्मों के लोग भाई की तरह शांति से रह रहे हैं और अधिकारियों को सांप्रदायिक तनाव के लिए कोई जगह नहीं देनी चाहिए।
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