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UPSC टॉपर का मंत्र: 8 घंटे मन लगाकर पढ़ो झक मारकर आएगी सफलता, जानें शुभम की लाइफ की 5 सीक्रेट बातें

कटिहार के शुभम कुमार ने यूपीएससी 2020 की फाइनल परीक्षा (Civil Services Result 2020) में टॉप करके बिहार ही नहीं देशभर के युवाओं के लिए नजीर ब...

कटिहार के शुभम कुमार ने यूपीएससी 2020 की फाइनल परीक्षा (Civil Services Result 2020) में टॉप करके बिहार ही नहीं देशभर के युवाओं के लिए नजीर बन गए हैं। अपनी इस कामयाबी से शुभम बेहद खुश हैं, यही नहीं उनके परिवार के सभी सदस्य बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आम तौर कहा जाता है कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए करीब 18 से 20 घंटे की पढ़ाई करनी होती है, लेकिन शुभम ने इस बार महज 7 से 8 घंटे ही पढ़ाई करके ये मुकाम हासिल किया। आखिर शुभम को आईएएस अफसर बनने की प्रेरणा कहां से मिली और इस कामयाबी में उन्हें किससे सबसे ज्यादा सहयोगा मिला, बताते हैं आगे...

Civil Services Result 2020 : टॉपर शुभम कुमार (UPSC Topper Shubham Kumar) ने बताया कि इस कामयाबी में उनकी बड़ी बहन में बहुत सपोर्ट किया। उनकी दीदी इंदौर में साइंटिफिक ऑफिसर हैं और इस तैयारी में अकसर मुझे मोटिवेट करती थीं। घर से पूरा समर्थन मिला। ये सब बेहद अहम रोल प्ले करता है।


UPSC टॉपर का मंत्र: 8 घंटे मन लगाकर पढ़ो झक मारकर आएगी सफलता, जानें शुभम की लाइफ की 5 सीक्रेट बातें

कटिहार के शुभम कुमार ने यूपीएससी 2020 की फाइनल परीक्षा (Civil Services Result 2020) में टॉप करके बिहार ही नहीं देशभर के युवाओं के लिए नजीर बन गए हैं। अपनी इस कामयाबी से शुभम बेहद खुश हैं, यही नहीं उनके परिवार के सभी सदस्य बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आम तौर कहा जाता है कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए करीब 18 से 20 घंटे की पढ़ाई करनी होती है, लेकिन शुभम ने इस बार महज 7 से 8 घंटे ही पढ़ाई करके ये मुकाम हासिल किया। आखिर शुभम को आईएएस अफसर बनने की प्रेरणा कहां से मिली और इस कामयाबी में उन्हें किससे सबसे ज्यादा सहयोगा मिला, बताते हैं आगे...



2018 में शुरू की यूपीएससी की तैयारी
2018 में शुरू की यूपीएससी की तैयारी

यूपीएससी टॉपर शुभम ने बताया कि उन्होंने साल 2018 यूपीएससी की तैयारी शुरू की। इस दौरान काफी उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला। हालांकि, उन्होंने फोकस बनाए रखा और जितना हो सकता था उतनी कोशिश अपनी तरफ से की। कोरोना में काफी मुश्किल दौर था, लेकिन मोटिवेशन था कि तैयारी करना है। उन्हें घर से काफी सपोर्ट मिला। मेरी ज्वाइंट फैमिली है। मेरे पिता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में हैं। सभी के सपोर्ट चलते मुझे ये कामयाबी मिल सकी है।



परिवार के साथ बड़ी बहन से मिला काफी सपोर्ट
परिवार के साथ बड़ी बहन से मिला काफी सपोर्ट

शुभम ने बताया कि इस कामयाबी में उनकी बड़ी बहन में बहुत सपोर्ट किया। उनकी दीदी इंदौर में साइंटिफिक ऑफिसर हैं और इस तैयारी में अकसर मुझे मोटिवेट करती थीं। घर से पूरा समर्थन मिला। ये सब बेहद अहम रोल प्ले करता है। शुभम ने यूपीएससी में जब पहली बार परीक्षा दिया तो उन्हें इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस मिला। लेकिन उनका सपना IAS अफसर बनने का था। उन्होंने कहा कि IAS अधिकारी के तौर पर वो ग्राउंड पर काम कर सकते हैं।

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शुभम इसलिए बनना चाहते थे आईएएस अफसर
शुभम इसलिए बनना चाहते थे आईएएस अफसर

यूपीएससी में टॉप करने वाले शुभम कुमार की इच्छा है कि उन्हें बिहार कैडर ही दिया जाए। वह चाहते हैं कि वह बिहार में रहकर बिहार के विकास के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बिहार कैडर नहीं दिया जाता है तो वे मध्यप्रदेश में काम करना पसंद करेंगे। शुभम के पिता देवानंद सिंह ने बताया कि वह शुरू से ही काफी टैलेंटेड था। शुभम के पिता ने बताया कि पढ़ाई के प्रति लगन देखकर उन्होंने हर संभव प्रयास किया कि उनके पढ़ाई में कोई कमी ना रहे।



इस घटना ने बदली शुभम की जिंदगी, अब बने UPSC टॉपर
इस घटना ने बदली शुभम की जिंदगी, अब बने UPSC टॉपर

शुभम फिलहाल इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में ट्रेनिंग कर रहे हैं। पूर्णिया के बाद कटिहार और फिर पटना में पढ़ाई करने वाले शुभम ने बोकारो से 12वीं की। फिर बॉम्बे आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की है। शुभम ने कहा कि जब वो 6वीं क्लास में थे तभी पढ़ाई के दौरान एक घटनाक्रम हुआ, जिसके बाद उन्होंने पटना से पढ़ाई का फैसला लिया। दरअसल, हुआ ये कि कटिहार में जब वो 6वीं क्लास में थे तो उनके एक जवाब को उनके शिक्षक ने गलत कहा था। शुभम के मुताबिक, उन्हें अपना जवाब सही लग रहा था, बावजूद इसे शिक्षक के गलत करार देने से बेहद आहत हुए। फिर उन्होंने स्कूल बदलने का फैसला कर लिया। यही नहीं उन्होंने पटना का रुख किया।

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इस बार नहीं ली कोई कोचिंग
इस बार नहीं ली कोई कोचिंग

शुभम बताते हैं कि यूपीएससी 2020 की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली। दिन में 7 से 8 घंटे पढ़ाई की। प्री क्लीयर करने के बाद उन्होंने 8 से 10 घंटे पढ़ाई करनी शुरू कर दी। शुभम की मां ने बताया कि वो शुरू से ही पढ़ने में तेज था और उसकी इस सफलता से वह काफी खुश हैं। बचपन से ही शुभम टॉपर रहे। उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि बिहार के सभी बच्चे शुभम की तरह तैयारी करें और बिहार का गौरव बढ़ाने का काम करें।





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