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रूस में मौत के 100 दिन बाद भी शव नहीं पहुंचा भारत, मानवाधिकार आयोग ने विदेश सचिव को थमाया नोटिस

जयपुर/उदयपुर 100 दिन बाद भी भारतीय मजदूर हितेंद्र गरासिया का शव भारत नहीं पहुंचा है। इस मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक्शन में आ...

जयपुर/उदयपुर 100 दिन बाद भी भारतीय मजदूर हितेंद्र गरासिया का शव भारत नहीं पहुंचा है। इस मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक्शन में आया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा की शिकायत पर एक्शन लेते हुए भारत सरकार के विदेश सचिव को नोटिस भेजा है। साथ में आयोग ने इस संबंध में केस दर्ज कराने की भी बात कही है। राजस्थान के बूंदी निवासी चर्मेश शर्मा ने 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। 100 दिन बाद भी हितेन्द्र के शव का इंतजार कर रहे हैं परिजन उदयपुर के खेरवाड़ा निवासी हितेन्द्र गरासिया 23 अप्रेल 2021 को मजदूरी करने के लिए मास्को गया था। मास्को की पुलिस के मुताबिक 17 जुलाई की रात को 46 वर्षीय हितेन्द्र गरासिया का शव लावारिश अवस्था में मिला था। इसके ठीक एक महीने बाद 17 अगस्त को रूस सरकार ने जयपुर पासपोर्ट कार्यालय में हितेन्द्र की मौत की सूचना भेजी। 23 अगस्त को पासपोर्ट कार्यालय की ओर से उदयपुर एसपी के मार्फत हितेन्द्र के परिजनों तक सूचना भिजवाई गई, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद हितेन्द्र गरासिया का शव भारत नहीं भेजा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। हितेन्द्र की मौत के 100 दिन पूरे हो जाने के बाद भी रूस सरकार ने उसके शव को भारत नहीं भेजा। कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने मानवाधिकार आयोग को शिकायत करने के साथ ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कार्यालय में भी शिकायत भेजी थी। यह शिकायत दर्ज कराई थी चर्मेश शर्मा ने, मानवाधिकार आयोग ने लिया एक्शन 17 अक्टूबर को मानवाधिकार आयोग में भेजी शिकायत में चर्मेश शर्मा ने लिखा कि किसी की मृत्यु हो जाने पर अंतिम संस्कार होना उस देह का वैधानिक, प्राकृतिक, धार्मिक और ईश्वरीय अधिकार है। विदेशों में मृत्यु होने पर भी देह को भारत में उनके परिजनों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी भारत सरकार और वहां के भारतीय दूतावास की होती है। इसके बावजूद भी हितेन्द्र गरासिया के शव को भारत नहीं भिजवाया जा रहा। चर्मेश शर्मा ने अपनी शिकायत में लिखा कि भारतीय दूतावास ने सिर्फ मृत्यु की सूचना भेजने की औपचारिकता की है लेकिन अपने कर्तव्य का पूरा निर्वाहन नहीं किया। इस शिकायत पर एक्शन लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने भारतीय विदेश सचिव को नोटिस जारी किया। हितेन्द्र की मौत का कारण नहीं बताने से बढ़ा अनहोनी का संदेह चर्मेश शर्मा ने बताया कि रूस सरकार द्वारा अभी तक हितेन्द्र की मृत्यु का कारण नहीं बताया है। इस रवैये से लगता है कि वहां का प्रशासन कोई ना कोई बाद छिपा रहा हैं। संदेह इसलिए भी गहरा जाता है कि 17 जुलाई को रूस के समयानुसार रात पौने 12 हितेन्द्र ने अपने बेटे के पास मोबाइल फोन पर बात की थी। करीब 8 मिनट तक हुई बातचीत के दौरान सब सामान्य प्रतीत हो रहा था। इसके बाद अचानक ऐसा क्या हुआ कि 17 जुलाई को ही हितेन्द्र का शव मिल गया।


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