रोहतक सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल के पास शुक्रवार को एक खेतिहर मजदूर की हत्या कर दी गई थी। उसका शव यहां लटका दिया गया था। इस माम...
रोहतक सिंघु बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल के पास शुक्रवार को एक खेतिहर मजदूर की हत्या कर दी गई थी। उसका शव यहां लटका दिया गया था। इस मामले में एक निहंग सिख ने शनिवार को पंजाब पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस जघन्य हत्याकांड में गिरफ्तार होने वाला यह दूसरा निहंग सिख है। अमृतसर जिले के राख देवीदासपुरा गांव के नारायण सिंह ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने लखबीर सिंह का पैर काट दिया था और उसे अपने किए पर पछतावा नहीं है। शुक्रवार को एक सिख पवित्र ग्रंथ को कथित तौर पर अपवित्र करने के बाद लखबीर पर बेरहमी से हमला किया गया था। उसका शव सिंघु बॉर्डर के पास एक पुलिस बैरिकेड से लटका दिया गया था। चार नामों का सबरजीत ने किया था खुलासा शुक्रवार को गिरफ्तार एक अन्य निहंग सिख सरबजीत सिंह ने लखबीर का हाथ काटने की बात स्वीकार की थी। शनिवार को उसे सोनीपत की एक अदालत में पेश करते हुए, पुलिस ने कहा कि आरोपी ने हत्या में शामिल पंजाब के चार लोगों के नामों का खुलासा किया था। गले में हार पहनकर हुई पेशी नारायण और सरबजीत दोनों को पुलिस हिरासत में देखा गया। उनके गले में फूलों के हार पड़े थे। उनके भयानक कृत्यों की कट्टर निहंग सिखों ने प्रशंसा की है। सोनीपत के डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सरजबीत को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। ऐसे किया सरेंडर पुलिसकर्मियों ने नारायण को पकड़ने के लिए राख देवीदासपुरा गांव की घेराबंदी की थी। मामले की धार्मिक संवेदनशीलता को देखते हुए, एसएसपी कौशल ने कहा कि नारायण को उनके गांव में घेरते समय सावधानी बरती गई। पुलिस की भारी मौजूदगी को जानकर, निहंग सिख ने छिपने की कोशिश की। हालांकि, नारायण के पास विकल्प नहीं थे और इसलिए शाम 4 बजे स्थानीय गुरुद्वारे में प्रार्थना करने के बाद उसने सार्वजनिक संबोधन करते हुए आत्मसमर्पण की घोषणा की। वारदात के दिन की बताई घटना नारायण ने बताया कि वह 15 अक्टूबर को सुबह 5.35 बजे दिल्ली पहुंचे। उन्होंने पाया कि लोगों के एक समूह में तीखी बहस हो रही थी, इसलिए उन्होंने अपनी कार रोकी और पूछा कि मामला क्या है और कथित बेअदबी के बारे में उन्हें सूचित किया गया। निहंग सिख ने दावा किया कि उसने पहले पूछताछ की कि क्या लखबीर अभी भी जीवित है। जब उसे पता चला कि लखबीर जिंदा है तो उसने अपनी तलवार खींची और मजदूर के पैर को तीन वार से काट दिया। अन्य लोगों ने उसके शव को पुलिस बैरिकेड्स पर लटका दिया। नारायण ने कहा कि हमले के बाद पीड़ित 30-45 मिनट तक जीवित रहा। कहा, पछतावा नहीं नारायण ने कहा, 'मुझे कोई पछतावा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'श्री गुरु ग्रंथ साहिब हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध सहित सभी धर्मों के लोगों के पूजनीय हैं। मैं कानून से भाग नहीं रहा मैं खुद सरेंडर कर रहा हूं।' हरियाणा पुलिस को सौंपा जाएगा नारायण यह पूछे जाने पर कि उन्हें कैसे यकीन है कि लखबीर बेअदबी के लिए जिम्मेदार हैं, नारायण ने दावा किया कि उन्हें 200-400 लोगों ने पवित्र पुस्तक की दो सरूप (प्रतियां) लेकर भागते देखा गया था। उन्होंने कहा कि एक निहंग सिख ने उन्हें पकड़ लिया और उनका हाथ काट दिया। नारायण सिंह को आगे की जांच के लिए हरियाणा पुलिस को सौंपा जाएगा। सड़क पर घसीटा गया था इस बीच, लखबीर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी मृत्यु हुई थी। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, मजदूर के पैरों सहित शरीर में नुकीले चीज से 35 से 40 चोटों के निशान मिले हैं। अधिकारी ने कहा, 'जांच में यह भी पता चला है कि पहले उसे कुछ दूर तक घसीटा गया और फिर पीटा गया।' सोनीपत के पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि पुलिस यह पता लगा रही है कि लखबीर का हाथ काटने का दावा करने वाले सरबजीत का कोई आपराधिक इतिहास तो नहीं है।
from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3FWnAaf
https://ift.tt/3vxmv3X
No comments