Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

Bihar News : बिहार के जिला अस्पतालों की खुली पोल तो बोले नीतीश- पता नहीं ई सब, ...तो आखिर क्यों नहीं मालूम?

पटना नीति आयोग की रिपोर्ट ने बिहार के बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। मगर राज्य के मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी ही नहीं है। उनको इ...

पटना नीति आयोग की रिपोर्ट ने बिहार के बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। मगर राज्य के मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी ही नहीं है। उनको इस रिपोर्ट के बारे में मालूम ही नहीं है। उनको इस बारे में कोई सूचना ही नहीं है। उन्होंने सीधे-सीधे पल्ला झाड़ लिया। नीति आयोग की रिपोर्ट पर नीतीश ने झाड़ा पल्ला बिहार की खराब स्वास्थ्य इंतजामों के बारे में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि जिला अस्पतालों में एक लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड उपलब्ध है। जबकि 2012 के रिपोर्ट के मुताबिक एक लाख की आबादी पर औसतन 22 बेड होने चाहिए। देश में ये आंकड़ा 24 बेड का है। मगर इसके बारे में सूबे के मुखिया को मालूम ही नहीं है। सीएम नीतीश से जैसे ही नीति आयोग की रिपोर्ट बारे में पत्रकारों ने सवाल किया, वो चल पड़े और बुदबुदाते हुए कहा कि पता नहीं ई सब। मतलब कि उन्हें नहीं मालूम कि ये सब क्या है? 'पता नहीं' जवाब पर तेजस्वी यादव का अटैक नीति आयोग की इस ताजा रिपोर्ट को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हमला बोला है। तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा था कि '16 वर्षों के थकाऊ परिश्रम के बूते बिहार को नीचे से नंबर-1 बनाने पर नीतीश जी को बधाई। 40 में से 39 लोकसभा सांसद और डबल इंजन सरकार का बिहार को अद्भुत फायदा मिल रहा है। नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बेड बिहार में हैं, 1 लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड।' रिपोर्ट के जवाब में नीतीश के रिएक्शन पर भी तेजस्वी ने तंज कसा है। नीतीश के 'पता नहीं' जवाब को उन्होंने सवाल के शक्ल में ट्वीट किया है। बिहार में स्वास्थ्य महकमा बीजेपी के पास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को या तो नीति आयोग की रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है या फिर इस पर कुछ बोलने से बचना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने अपने जवाब में रिपोर्ट से किनारा कर लिया। बिहार में जब से नीतीश की बीजेपी के साथ सरकार चल रही है, तब से स्वास्थ्य महकमा भारतीय जनता पार्टी के पास ही है। बीजेपी कोटे से ही कोई न कोई मंत्री रहा है। फिलहाल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय हैं। नीतीश कुमार बार-बार दावा करते हैं कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर बिहार सरकार सबसे ज्यादा बजट खर्च करती है। तब ये हाल है कि एक लाख की आबादी पर मात्र छह बेड ही सरकार की ओर से उपलब्ध है। नीति आयोग ने अपने इस स्टडी में अस्पतालों में बेड की उपलब्धता, मरीजों को मिलने वाली जांच सुविधा, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही मेडिकल स्टाफ की संख्या, इलाज के लिए डॉक्टरों की उपलब्धता को आधार बनाया है। बजट का ज्यादातर पैसा बिल्डिंग पर खर्च बिहार ने साल 2021-2022 में स्वास्थ्य के लिए 13 हजार 264 करोड़ रुपए का बजट अलॉट किया है। जिसमें से 6 हजार 900 करोड़ विभिन्न योजनाओं पर खर्च करने का प्रावधान है। 6 हजार 300 करोड़ स्वास्थ्य सम्बन्धी निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होगा। वैसे पिछले साल के मुकाबले 21.28% अधिक बजट सवास्थ्य के लिए दिया गया है। मगर इसमें बड़ी राशि अस्पतालों के निर्माण पर खर्च हो रही है। उनमें से भी ज्यादातर अस्पताल पटना और आसपास के इलाके में बन रहे हैं। अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाएं प्राथमिकता सूची में ही नहीं है। जिला अस्पतालों के बारे में तो सोचा ही नहीं गया है। नीति आयोग की रिपोर्ट जिला अस्पतालों को लेकर है। अब सरकार को इस रिपोर्ट पर कुछ बोलते नहीं बन रहा।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3D6JF3q
https://ift.tt/2Y6X0JW

No comments