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एमपी में सरकारी इंजीनियर को सपना, 'असदुद्दीन ओवैसी हमारे मित्र, मोहन भागवत मामा', गीता पाठ के लिए मांगी छुट्टी

आगर मालवा तीन दिन पहले ही पीएम मोदी ने जिक्र किया था कि एमपी गजब है। वाकई एमपी गजब है, यहां के अधिकारियों के एक से बढ़ एक कारनामे सामने आ...

आगर मालवा तीन दिन पहले ही पीएम मोदी ने जिक्र किया था कि एमपी गजब है। वाकई एमपी गजब है, यहां के अधिकारियों के एक से बढ़ एक कारनामे सामने आते रहते हैं। एमपी के आगर मालवा जिले में एक इंजीनियर ने छुट्टी के लिए आवेदन दिया है। उस आवेदन में उसने बताया है कि असदुद्दीन ओवैसी हमारे बाल शाखा और मोहन भागवत 'शकुनी मामा' हैं। इंजीनियर ने कहा कि यह सब कुछ पूर्वजन्म को लेकर आए सपने में पता चा है। आगर मालवा जिले के सुसनेर जनपद में पदस्थ इंजीनियर राजकुमार यादव ने अपने पत्र में इन्हीं बातों का जिक्र करते हुए अपने सीनियर अफसर से छुट्टी मांगी है। छुट्टी का यह आवेदन सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल पत्र में छुट्टी के लिए इंजीनियर लिखा है कि प्रार्थी राजकुमार सिंह यादव आपकी जनपद पंचायत सुसनेर में उपयंत्री के पद पर पदस्थ है, मैं रविवार को जनपद के किसी कार्य में उपस्थित नहीं हो पाऊंगा क्योंकि मुझे कुछ दिन पहले आभास हुआ है कि आत्मा अमर होती है। इंजीनियर आगे आवेदन में लिखा कि मुझे अपने पिछले जन्म का भी आभास हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी मेरे पिछले जन्म के सखा नकुल थे और मोहन भागवत सकुनी मामा, इसलिए मैं अपने जीवन को जानने के लिए गीता पाठ करना चाहता हूं। मैं प्रत्येक रविवार के दिन अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए एक गेहूं का दाना घर-घर जाकर भीख मांगकर इकट्ठा करूंगा, ये मेरी आत्मा का सवाल है। मैं समझता हूं कि आप मुझे प्रत्येक रविवार की छुट्टी देने की कृपा करेंगे। उसी अंदाज में मिला जवाब इंजीनियर ने इस आवेदन को ऑफिसियल ग्रुप में पोस्ट किया था। इसके बाद सुसनेर के सीईओ पराग पंथी ने उसी अंदाज में उन्हें जवाब दिया है। उन्होंने ग्रुप में लिखा कि प्रिय उप यंत्री, आप अपना अहंकार मिटाना चाहते हैं, यह जानकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। व्यक्ति प्राय: अहंकार से वशीभूत होकर यह सोचता है कि वह अपने रविवार को अपनी इच्छा से बिता सकता है। इस अहंकार को इसके बीजरूप में नष्ट करना आपकी उन्नति के लिए अपरिहार्य है। आपकी आत्मिक उन्नति की अभिलाषा को दृष्टिगत रखते हुए आपको आदेशित किया जाता है कि आप प्रत्येक रविवार को कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करें, जिससे रविवार को अवकाश मनाने के आपके अहंकार का नाश हो सके। आपकी आत्मिक उन्नति में साधक बनने की प्रसन्नता के साथ।


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