Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

Breaking News:

latest

स्कूल में घुसे, ID चेक की, फिर गोलियों की बौछार... श्रीनगर में आतंकियों के खूनी खेल की पूरी कहानी

सलीम पंडित, श्रीनगर श्रीनगर के ईदगाह इलाके में सरकारी स्कूल के अंदर हुई हत्याओं की वारदात ने सबको हिला दिया। परिसर के अंदर घुसे आतंकियों ...

सलीम पंडित, श्रीनगर श्रीनगर के ईदगाह इलाके में सरकारी स्कूल के अंदर हुई हत्याओं की वारदात ने सबको हिला दिया। परिसर के अंदर घुसे आतंकियों ने दो टीचरों को निशाना बनाते हुए ताबड़तोड़ गोलियों से भून डाला। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो आतंकियों ने दोनों टीचरों का पहचान पत्र देखा और उसके बाद उनकी हत्या की। आतंकियों ने पहचान पत्र देखकर पाया कि महिला प्रिंसिपल कश्मीरी सिख समुदाय की हैं। वहीं टीचर कश्मीरी पंडित है। उन्होंने दोनों के शरीर में बंदूक सटाई और ताबड़तोड़ गोलियों की बारिश कर दी। दोनों को मारने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले। स्कूल में सिर्फ स्टाफ मौजूद था प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पिस्टल चलाने वाले तीन आतंकवादी संगाम ईदगाह बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल में सुबह करीब 10.30 बजे घुस गए। इन दिनों ऑफलाइन कक्षाएं चल रही हैं इसलिए स्कूल में कोई बच्चे नहीं थे। सिर्फ स्कूल के स्टाफ को सुबह कुछ घंटों के लिए बुलाया जा रहा था। कश्मीरी मुसलमानों को छोड़कर दोनों को निकाला बाहर आतंकियों ने सारे स्टाफ का पहचान पत्र चेक किया। उन्होंने यह पुष्टि की कि उनमें से कौन कश्मीरी मुसलमानों के अलावा किसी अन्य समुदाय से था। चेकिंग के बाद आतंकियों ने 44 वर्षीय सुपिंदर कौर और उनके सहयोगी दीपक चंद को बाहर कर दिया। नॉन कश्मीरियों की हो रही हत्याएं आतंकी दोनों टीचरों को स्कूल की बिल्डिंग से बाहर ले गए। यहां उन्होंने कई बार गोलियां दागी। दीपक चंद की तत्काल मौत हो गई जबकि कौर ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। ये दोनों हत्याएं, शहर के एक प्रमुख कश्मीरी पंडित व्यवसायी और बिहार के एक प्रवासी सड़क किनारे सामान बेचने वाले शख्स की हत्या के दो दिन बाद हुईं। 15 अगस्त के समारोह में बच्चों के शामिल कराना पड़ा भारी! पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हत्याओं की जिम्मेदारी ली है। प्रतिबंधित संगठन ने कहा है कि इनका पीड़ितों के धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने दावा किया कि स्कूल के प्रिंसिपल और उनके सहयोगी को निशाना बनाया गया था, क्योंकि उन्होंने छात्रों पर 15 अगस्त को परिसर में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दबाव डाला। 2018 अक्टूबर में ही कश्मीर आया था दीपक का परिवार स्कूल टीचर दीपक का परिवार उन सैकड़ों शरणार्थियों में से एक है जो तीन दशक पहले जम्मू से निष्कासन के बाद चले गए थे। पीएम मोदी ने ऐसे लोगों के लिए विशेष नौकरी का ऐलान किया था। दीपक की इसी स्पेशल योजना के तहत अक्टूबर 2018 में नौकरी लगी। हाल ही में वह एक बेटी का पिता बना था। प्रिंसिपल के बच्चे पढ़ते हैं स्कूल प्रिंसिपल कौर दो बच्चों की मां हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं। वह श्रीनगर के ऊपर इलाके अलूचा बाग की रहने वाली थीं। उनके पति जम्मू-कश्मीर बैंक में पीओ हैं।


from Hindi Samachar: हिंदी समाचार, Samachar in Hindi, आज के ताजा हिंदी समाचार, Aaj Ki Taza Khabar, आज की ताजा खाबर, राज्य समाचार, शहर के समाचार - नवभारत टाइम्स https://ift.tt/3AnVxfQ
https://ift.tt/2Yst37S

No comments