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नीति आयोग की रिपोर्ट पर आमने-सामने नीतीश-तेजस्वी, RJD नेता गिना रहे अस्पतालों के बदहाली की कहानी

पटना स्वास्थ्य सिस्टम पर जारी नीति आयोग की रिपोर्ट पर बिहार के सीएम ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि प्रदेश में हुए कार्यो...

पटना स्वास्थ्य सिस्टम पर जारी नीति आयोग की रिपोर्ट पर बिहार के सीएम ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि प्रदेश में हुए कार्यों पर गौर किये बिना रिपोर्ट जारी कर देना ठीक नहीं है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बिहार में जो भी काम हो रहा है उसकी रिपोर्ट नीति आयोग को हमेशा भेजी जाती रही है, ऐसे में आकलन किए बगैर रिपोर्ट जारी कर देना उचित नहीं है। भले ही नीतीश कुमार ने इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हों लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्विटर पर स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी हाल की ही चंद खबरों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। आरजेडी ने किया ये ट्वीटआरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को इस संबंध में एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, 'लगता है आदरणीय नीतीश जी को थकने के अलावा अब दिखना और सुनना भी बंद हो गया है। हाल की ही चंद खबरें है उन तक पहुंचा देना, दिखा और सुना देना। 1. ऑपरेशन थिएटर से इलाज के दौरान काटा हुआ पैर लेकर कुत्ता भागा 2. अस्पतालों में बेड पर बैठे कुत्ते 3. नवजात की उंगलियां खा गए चूहे' तेजस्वी ने पहले भी साधा था नीतीश पर निशानाइससे पहले तेजस्वी यादव ने 3 अक्टूबर दिल्ली से पटना लौटने पर भी नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर नीतीश सरकार को घेरा था। तेजस्वी ने कहा था कि बिहार में भ्रष्टाचार है, बिहार में अपराध है। ये थके हुए मुख्यमंत्री हैं। इनसे बिहार संभल नहीं रहा। इनको बिहार संभालने में, बिहार के लोगों की तरक्की में और न ही बिहार को आगे बढ़ाने में कोई रुचि है। बल्कि इनको बस अपनी कुर्सी बचानी है।' बिहार के हेल्थ सिस्टम पर नीति आयोग की रिपोर्ट में क्या हैदरअसल, नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के जिला अस्पतालों की स्थिति पर एक अध्ययन में सबसे निचले स्थान पर है। देश में प्रति एक लाख की आबादी पर औसतन जहां 24 बेड हैं। पुडुचेरी 222 बेड के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर है। बिहार में प्रति एक लाख की आबादी पर केवल छह बेड उपलब्ध हैं। इसी रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग की रिपोर्ट पर मंगलवार को खुलकर अपनी बात रखी। सीएम नीतीश बोले- हमारी सरकार में स्थिति सुधरी हैमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार आबादी के दृष्टिकोण से देश में उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के बाद तीसरे नंबर पर है जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से 12वें नंबर पर है। बिहार में प्रति वर्ग किलोमीटर आबादी देश में सबसे ज्यादा है। बिहार की इन परिस्थितियों को ध्यान में रखना होगा। बिहार को लेकर एक रिपोर्ट भी पहले हमने पढ़ी थी कि बिहार के गरीब परिवारों को भोजन से ज्यादा इलाज पर खर्च करना पड़ता है। पहले बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। लेकिन हमारी सरकार में स्थिति सुधरी है। हेल्थ रैंकिंग पर बोले नीतीश- '...विचित्र बात है' नीतीश ने कहा कि हम नीति आयोग की बैठकों में बहुत सारी बातों को पहले ही कह चुके हैं। आयोग पूरे देश के बारे में एक ही तरह की बातें कह देता है। सारे देश को अगर एक ही प्रकार का मान कर चल रहा है तो यह विचित्र बात है। आज के दिन महाराष्ट्र से बिहार की तुलना नहीं की जा सकती है। सबसे धनी राज्य की तुलना सबसे गरीब राज्य से नहीं हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कई मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है। अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गयी है। मुख्यमंत्री ने पूरे मामले पर क्या कहानीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार के सरकारी अस्पतालों में काफी कम लोग इलाज कराने जाते थे। अस्पतालों में बेड पर मरीज की जगह कुत्ते बैठे रहते थे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक महीने में औसतन 39 लोगों का इलाज होता था। हमारी सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से काम किया। हमने पीएचसी और अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ-साथ दवा की मुफ्त व्यवस्था उपलब्ध करायी। अब पीएचसी में एक महीने में औसतन 10 हजार मरीजों का इलाज होता है।


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