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शादी जैसे छोटे स्वार्थ के लिए धर्मांतरण! RSS चीफ भागवत ने नौजवानों को पढ़ाया पाठ

देहरादून 'हिंदु जगे तो विश्व जगेगा' का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक ने कहा कि 'हमें अपने बच्चों को अ...

देहरादून 'हिंदु जगे तो विश्व जगेगा' का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक ने कहा कि 'हमें अपने बच्चों को अपने धर्म और पूजा के प्रति आदर भाव रखना सिखाना चाहिए ताकि वे अन्य 'मतों' की ओर ना जाएं।' उत्तराखंड के हल्द्वानी में राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के परिवारों के साथ एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा, 'कैसे धर्मांतरण हो जाता है? परंपरागत उपासना को क्यों छोड़ना? अपने घर के लड़के-लड़कियां दूसरे मतों में कैसे चली जाती हैं? छोटे-छोटे स्वार्थों के कारण, विवाह करने के लिए।' 'बच्चों को करें तैयार' मोहन भागवत ने कहा, 'धर्मांतरण करने वाले गलत हैं, यह बात अलग है। लेकिन हमारे बच्चे हम ही तैयार नहीं करते। हमको इसका संस्कार अपने घर में देना होगा। अपने धर्म के प्रति गौरव, पूजा के प्रति आदर, अपने बच्चों को तैयार करना चाहिए।' 'भाषा, भूषा, भवन, भ्रमण, भजन और भोजन अपनी परंपरा के अनुसार करें' सरसंघचालक ने कहा कि यदि हम अपनी समाज शैली में बदलाव लाएं तो भारत विश्वगुरू बन सकता है। इसके लिए उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अपनी भाषा, भूषा, भवन, भ्रमण, भजन और भोजन अपनी परंपरा के अनुसार ही करना चाहिए। 'भारत की परंपराओं का अनुसरण विश्व कर रहा है' भागवत ने कहा कि भारत की परंपराओं का अनुसरण पूरा विश्व कर रहा है। इस संबंध में ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री माग्रेट थैचर का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार उन्होंने कहा था कि अपने माता-पिता की कैसे सेवा करते हैं, हमें इन परंपराओं के बारे में भारत से सीखना है। वैदिक काल से महाभारत तक हमें हमारे ग्रंथ बताते हैं कि धर्म का पालन कैसे करना चाहिए। 'विदेश जाएं लेकिन तीर्थ भी' संघ चीफ ने कहा कि समाज में हमें गरीब तबके की भी चिंता करनी चाहिए और जातपात के बंधनों से बाहर निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेरिस और सिंगापुर जाने के साथ ही भारत के तीर्थस्थलों जैसे काशी, जलियावाला बाग और अन्य तीर्थो में भी जाना चाहिए। 'पिज्जा कभी-कभार ही ठीक' भागवत ने कहा, 'हमें स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महात्मा गांधी, वीर सावरकर, बाबा साहेब आंबेडकर, भगत सिंह के चित्र भी रखने चाहिए। कभी-कभार तो पिज्जा आदि खाना ठीक है लेकिन हमें घर में अपना परंपरागत भोजन करना चाहिए।'


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