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Swamitva Yojana Explainer : क्या है स्वामित्व योजना, कैसे मिलेगा आपको लाभ, जानें इसके बारे में सब कुछ

भोपाल एमपी में स्वामित्व योजना (Benefit Of Swamitva Yojana) के हितग्राहियों को पीएम मोदी अधिकार अभिलेख देंगे। इसके बाद हितग्राही जमीन और ...

भोपाल एमपी में स्वामित्व योजना (Benefit Of Swamitva Yojana) के हितग्राहियों को पीएम मोदी अधिकार अभिलेख देंगे। इसके बाद हितग्राही जमीन और मकान के मालिक हो जाएंगे। इसका फायदा एमपी में 1 लाख 71 हजार हितग्राहियों को मिलने वाला है। आइए आपको बताते हैं कि स्वामित्व योजना क्या है, इसका फायदा कैसे आपको मिलेगा। साथ ही अधिकार अभिलेख मिलने के बाद आप कैसे जमीन के मालिक हो जाएंगे। दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत एक ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की शुरुआत की गई है। इस पोर्टल पर ग्राम समाज से जुड़ी सभी समस्याओं की जानकारी है। इसके जरिए https://ift.tt/38G1KZ1 किसान अपनी भूमि के बारे में सारी जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। स्वामित्व योजना का मतलब साफ है कि आपकी संपत्ति का पूरा रेकॉर्ड ऑनलाइन रहेगा। रजिस्ट्रेशन और सरकारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आप एक क्लिक में अपनी संपत्ति का पेपर डाउनलोड कर सकते हैं। एमपी के नौ जिलों में शुरुआत स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू करने की तैयारी है। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देश के हर राज्यों में कुछ जिलों को चुना गया है। एमपी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत नौ जिले चुने गए हैं। साथ ही प्रदेश में स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन तीन चरणों में 10-10 जिलों को शामिल कर क्रमबद्ध तरीके से प्रारंभ किया जाएगा। स्वामित्व योजना में सर्वे ऑफ इंडिया की सहायता से गांवों में बसाहट क्षेत्र पर ड्रोन के माध्यम से नक्शे का निर्माण और डोर टू डोर सर्वे कर अधिकार अभिलेखों का निर्माण किया जा रहा है। एमपी के 42 जिलों में सर्वेक्षण की प्रक्रिया जारी है। 24 ड्रोन 24 जिलों में काम कर रहे हैं। 6500 गांवों में ड्रोन का काम हो गया है। नियमों को किया गया है सरल एमपी में हितग्राहियों को योजना का अधिक से अधिक लाभ प्रदान करने के लिए सर्वे के नियमों का वर्तमान आवश्यकता के अनुसार सरलीकरण किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को विधिक दस्तावेज का दर्जा देना, सर्वे को समय-सीमा में पूर्ण करना, अभिलेखों को पारदर्शिता के साथ तैयार करना, सर्वे प्रक्रिया को ऑनलाइन करना और एप्प के माध्यम से सर्वेक्षक मौके पर धारक का नाम जोड़ना आदि हैं। इस प्रक्रिया को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली और अन्य राज्यों ने इसे अपने यहां लागू करने के लिए प्रक्रिया का अवलोकन भी किया है। क्या है स्वामित्व योजना के लाभ
  • ग्राम की आबादी भूमि में अपना मकान बनाकर रहने वाले ग्रामवासियों को अपने घर का मालिकाना हक मिल सकेगा
  • आबादी भूमि के कागजात मिल जाने से कानून का सहारा मिलने लगेगा
  • मनमर्जी से घर बनाने और अतिक्रमण की समस्या से निजात मिलेगी
  • संपत्ति का रिकार्ड हो जाने से बैंक लोन लिया जा सकेगा
  • भूमि संबंधी विवाद भी खत्म होंगे
  • जमीन, मकान के नामांतरण और बंटवारे आसानी से हो सकेंगे
  • सरकारी भवन भी योजनाबद्ध तरीके से निर्मित किए जा सकेंगे
  • गांव में आबादी की भूमि को लेकर भ्रम की स्थिति खत्म होगी
19 जिलों के लोगों को मिलेगा अधिकार अभिलेख पीएम मोदी छह अक्टूबर को 19 जिलों के 3 हजार गांवों में रहने वाले 1 लाख 71 हजार हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख का वितरण करेंगे। साथ ही कुछ लोगों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। इसमें सीहोर, हरदा और डिंडोरी जिले के लोग मौजूद रहेंगे। हरदा जिले में भू सर्वेक्षण के 100 फीसदी काम पूरे हो गए हैं। कैसे होता है इस योजना के लिए सर्वे स्वामित्व योजना के लिए कई चरण में सर्वे होते हैं। पहले जीपीएस ड्रोन की मदद से एरिया का सर्वे किया जाता है। इसके बाद गांव में बने हर घर की जियो टैगिंग की जाती है। इसके साथ ही प्रत्येक घर का क्षेत्रफल दर्ज किया जाता है। क्षेत्रफल दर्ज होने के बाद घर को एक यूनिक आईडी दी जाती है। इसमें घर का पता भी दर्ज होता है। इससे व्यक्ति का पूरा पता डिजिटल हो जाता है। सरकार का मकसद है कि पहले गांव के लोगों के पास जमीन के कागजात नहीं होते थे। अब सरकार उन्हें लिखित दस्तावेज मुहैया करा रही है। कौन-कौन लोग सर्वे में होते हैं शामिल वहीं, सर्वे की प्रक्रिया के दौरान ग्राम पंचायत के सदस्य, राजस्व विभाग के अधिकारी, गांव के जमीन मालिक और पुलिस टीम रहती है। इसके बाद दावे वाली जमीन पर निशानदेही की जाती है। इसके बाद जमीन मालिक चूना लगाकार अपने क्षेत्र पर घेरा बना लेता है। इसकी तस्वीर ड्रोन से खींची जाती है। ड्रोन यह काम गांव के चक्कर लगाकर करती है। इसके बाद जमीन का नक्शा तैयार किया जाता है। आपत्ति भी करा सकते हैं दर्ज वहीं, स्वामित्व योजना के लिए जब सर्वे की प्रक्रिया शुरू होती है, उससे पहले गांव के लोगों को यह जानकारी दी जाती है। यह इसलिए की गांव से बाहर रहने वाले लोग सर्वे वाले दिन यहां आ सके। इसके बाद पूरे गांव का नक्शा तैयार किया जाता है। फिर गांव के लोगों को जमीन और मकान के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके बाद अगर लोगों को शिकायत है तो वह 15-40 दिन के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। अगर कोई शिकायत नहीं आती है तो राजस्व विभाग की तरफ से जमीन मालिक को कागजात प्रदान कर दिया जाता है। इसके बाद जमीन मालिक वेबसाइट से भी कागजात डाउनलोड कर सकते हैं। कैसे करें ऑनलाइन आवेदन वहीं, अगर आपको इस योजना का लाभ लेना है तो ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए पीएम स्वामित्व योजना की ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट के होम पेज खुलने के बाद न्यू रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन आएगा। न्यू रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर आपको क्लिक करना है। इसके बाद एक फॉर्म खुलकर आएगा। इसमें आपसे संबंधित जानकारी मांगी जाएगी, जिसे ध्यानपूर्वक भरना है। फिर आपको सबमिट बटन दबाना है। सफलतापूर्वक फॉर्म भर जाने के बाद आपके मोबाइल पर मैसेज आएगा।


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