लखनऊ दिवाली () के मौके पर उत्तर प्रदेश में इस बार केवल ही बेचे जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने यह ...
लखनऊ दिवाली () के मौके पर उत्तर प्रदेश में इस बार केवल ही बेचे जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके तहत ग्रीन पटाखों के अलावा अन्य सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था कि जिन शहरों में वायु की गुणवत्ता बेहतर स्थिति में है, वहां पर ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दी जा सकती है। क्या हैं निर्देश प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 27 शहरों में एयर क्वालिटी की निगरानी कर रहा है। बोर्ड ने लखनऊ, कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, प्रयागराज, झांसी, रायबरेली, गोरखपुर, नोएडा, अयोध्या समेत कई जिलों में वायु की गुणवत्ता मॉडरेट लेवल पर बताई गई है। मतलब कि इन शहरों में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा नहीं है। क्या कहा कोर्ट ने? इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई महीने में एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि जिन क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता थोड़ी प्रदूषित या अच्छी है वहां की अनुमति अधिकारी दे सकते हैं। इन जगहों पर अन्य पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित ही रहेगी। ऐसे में योगी सरकार ने कोर्ट के निर्देश और कोविड-19 की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ग्रीन पटाखों की बिक्री की इजाजत दी है। साथ ही पटाखों की बिक्री के लिए समय सीमा भी निर्धारित की है। यह समय सीमा स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी तय करेंगे। क्या हैं ग्रीन पटाखे पर्यावरण को कम प्रदूषित करने वाले पटाखों को ग्रीन पटाखे कहा जाता है। इनमें वायु प्रदूषण फैलाने वाले हानिकारक रसायन जैसे- एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन इस्तेमाल नहीं होते। बताया जाता है कि इनके जरिए पर्यावरण प्रदूषण में 30 से 40 फीसदी की कमी आती है।
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