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मुजफ्फरपुर के नए मेयर बने राकेश कुमार पिंटू, 2 वोट के अंतर से दर्ज की जीत, पढ़िए जिले दो बड़ी खबरें

संदीप कुमार, मुजफ्फरपुर बिहार के मुजफ्फरपुर () में राकेश कुमार पिंटू (Rakesh Kumar Pintu) नगर निगम के नए मेयर बने हैं। उनको कुल 24 मत मिल...

संदीप कुमार, मुजफ्फरपुर बिहार के मुजफ्फरपुर () में राकेश कुमार पिंटू (Rakesh Kumar Pintu) नगर निगम के नए मेयर बने हैं। उनको कुल 24 मत मिले, वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी नंद कुमार साह को 22 वोट मिले। इस तरह से राकेश कुमार पिंटू ने 2 वोट के अंतर से जीत किया। जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुल 47 पार्षदों ने वोट किया, जिसमें से 24 पार्षदों ने राकेश कुमार पिंटू को वोट दिया वही नंदकुमार साह 22 पार्षदों ने वोट दिया। एक वोट को रद्द पाया गया। जीत के बाद बोले पिंटू- जलजमाव से निजात दिलाना होगी पहली प्राथमिकता मेयर पद पर जीत के बाद राकेश कुमार पिंटू ने सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जो साढ़े चार साल में विकास नहीं हुआ वह 6 महीने में करके दिखाएंगे। जलजमाव से निजात दिलाना पहली प्राथमिकता होगी। दरअसल, मुजफ्फरपुर नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव लाकर सुरेश कुमार को हटा दिया गया था। जिसके बाद 1 नवंबर से मेयर का पद खाली था। इस पर शनिवार को चुनाव कराया गया जिसमें वार्ड नंबर 3 के पार्षद राकेश कुमार पिंटू की जीत हुई। क्यों परेशान हैं मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल के जेलरमुजफ्फरपुर जिले की दूसरी बड़ी खबर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा से जुड़ी हुई है। पिछले दिनों कई जिलों में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद शासन की सख्ती बढ़ी तो नशा करने वाले बंदियों की संख्या जेल में बढ़ गई। मुजफ्फरपुर केन्द्रीय जेल की क्षमता 2200 कैदियों की है। फिलहाल यहां 4600 कैदी शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद हैं। बीते एक सप्ताह में मुजफ्फरपुर पुलिस ने 1147 शराबियों और शराब तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। ऐसे में जेल में क्षमता से ज्यादा कैदी आने से जेल प्रशासन की परेशान बढ़ गई है। जेल अधीक्षक ने सिविल सर्जन को लिखा पत्रजेल प्रशासन के लिए अब कैदियों की बढ़ती संख्या और अधिक नशे की लत वाले बंदी परेशानी का कारण बन गए हैं। ऐसे बंदी जेल में अजीब-अजीब हरकत कर रहे हैं। कई बार हंगामा करने लगते हैं। जेल प्रशासन के लिए इन कैदियों को संभालना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में जेल अधीक्षक बृजेश कुमार ने सिविल सर्जन को पत्र लिख कर सदर अस्पताल स्थित नशा मुक्ति केंद्र फिर से खोलने का अनुरोध किया है। जहां नशे से परेशान कैदियों का इलाज कराया जाएगा। सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र फिर खोलने की अपील शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के अधीक्षक बृजेश कुमार के अनुसार, जेल के डॉक्टर फिलहाल किसी तरह ऐसे बंदियों को संभालने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, संख्या काफी ज्यादा रहने और गंभीर स्थिति के कारण सिविल सर्जन से नशा मुक्ति केंद्र अविलंब चालू करने का अनुरोध किया गया है। वहां रखकर इलाज करने से ऐसे लोगों में सुधार तेजी से आता है। इसलिए इन बंदियों का सदर अस्पताल में इलाज होगा, तो संभव है कि स्वस्थ होने पर इनकी आदत में सुधार हो। पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन डा विनय कुमार का कहना है कि जेल प्रशासन से नशा मुक्ति केंद्र खोलने के लिए पत्र मिला है। जल्द ही सदर अस्पताल में बंद नशा मुक्ति केंद्र को शुरू कर दिया जाएगा।


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