लखनऊ विधानसभा चुनाव में गठबंघन को लेकर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अब भी असमंजस में रहने की चर्चा है। चर्चा है कि सपा के साथ कई और दलों ने भी...

लखनऊविधानसभा चुनाव में गठबंघन को लेकर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अब भी असमंजस में रहने की चर्चा है। चर्चा है कि सपा के साथ कई और दलों ने भी आरएलडी को साथ आने का प्रस्ताव भेजा है। इसी वजह से आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी अभी तक तय नहीं कर पाए हैं कि गठबंधन करना किसके साथ फायदेमंद रहेगा। हालांकि, आरएलडी नेताओं का दावा है कि उनका चुनावी गठबंधन सपा के साथ ही होगा। सीटों को लेकर दोनों दलों की बातचीत अंतिम दौर में है। इस महीने के आखिर तक गठबंधन का ऐलान कर दिया जाएगा। समाजवादी पार्टी में इस बात की पिछले एक हफ्ते से चर्चा थी कि 21 नवंबर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी एक साथ आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन का ऐलान करेंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो इसके लिए राजधानी के एक बड़े होटल का हॉल भी बुक करवा लिया गया था। हालांकि, शनिवार रात तक आरएलडी नेता इस तरह की किसी जानकारी तक से इंकार कर रहे हैं। सीटों पर बनी बात आरएलडी के एक बड़े नेता का कहना है कि 21 को सपा के साथ गठबंधन के ऐलान की जानकारी उन्हें नहीं है। उनकी मानें तो आरएलडी से गठबंधन के लिए हाथ तो कई दलों की ओर से जरूर बढ़े हैं, लेकिन अब तक हमारा गठबंधन सपा के साथ ही है, जो आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि कुछ सीटों को लेकर असमंजस था, लेकिन उसे दूर कर लिया गया है। सपा आरएलडी को 32 से 33 सीटें देने को तैयार है। पार्टी के आठ से दस नेताओं को सपा अपने टिकट पर चुनाव मैदान में उतारेगी। मिल रहे साथ आने के प्रस्ताव सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की ओर से तो मनचाही सीटों के साथ जयंत चौधरी को राज्यसभा की एक सीट तक देने का प्रस्ताव खुद महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्हें दिया है। सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि कृषि कानून वापस लेने के फैसले के बाद भाजपा भी पश्चिमी यूपी में साथी की तलाश में है। यही वजह है कि सत्तारूढ़ दल की ओर से भी आरएलडी से संपर्क साधा गया है।
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