जयपुर एक तहफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट विस्तार की तैयारियों में हैं वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में एक बार फिर से बिजली संकट पैदा ह...

जयपुर एक तहफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कैबिनेट विस्तार की तैयारियों में हैं वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में एक बार फिर से बिजली संकट पैदा होने लगे हैं। शुक्रवार और शनिवार को विभिन्न थर्मल पावर स्टेशनों से मिली जानकारी के मुताबिक कोयले की कमी के चलते 7 बिजली यूनिट बंद हो चुकी हैं। राजस्थान में 2 हजार 429 मेगावाट बिजली का प्रोडक्शन पहले से ही कम हो रहा है, ऐसे में 7 बिजली यूनिट का बंद होना बड़ा संकट पैदा कर सकता है। किसान कर रहे बिजली की डिमांड और बंद हो गए यूनिट इस वक्त पूरे राजस्थान में रबी फसल की बुआई चल रही है। ऐसे में ग्रामीण इलाके में बिजली की भारी डिमांड होती है। किसान बुआई से पहले खेतों में सिंचाई करते हैं। इस वजह से करीब 1 हजार मेगावाट बिजली की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे वक्त में 7 बिजली यूनिट का बंद होना चिंताजनक है। मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान में रोजाना 21 रैक तक कोयला आपूर्ति होती है, लेकिन फिलहाल 1 रैक घटकर अब 20 ही मिल पा रहा है। 1 रैक में 4000 टन कोयला होता है। राजस्थान के सारे थर्मल पावर को संचालित करने के लिए 1 लाख 8 हजार टन (27 रैक) के करीब कोयला रोजाना चाहिए। कोयले की कमी के चलते सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट की 250-250 मेगावाट की 5 यूनिट बंद हैं। छबड़ा पावर प्लांट में 2 यूनिट बंद हैं। सर्दियों में बिजली की खपत डेली यूज में कम हो जाती है, लेकिन इंडस्ट्रियल, कमर्शियल कनेक्शन और खेतो की सिंचाई में बिजली की खपत अधिक होती है। पूरे राजस्थान में बिजली की औसत उपलब्धता 11 हजार 565 मेगावाट है। जबकि डिमांड 13 हजार 994 मेगावाट पहुंच गई है। सिंचाई होने पर यह डिमांड अगले कुछ दिनों में 14 हजार 834 मेगावाट तक पहुंच सकती है। ऐसे में राजस्थान में 3 हजार 269 मेगावाट तक बिजली कम पड़ सकती है।
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