जोधपुर राजस्थान उच्च न्यायालय ने सहमति से तलाक मामलों को लेकर एक आदेश दिया है। उदयपुर फैमिली कोर्ट के एक आदेश को अपास्त न करते हुए यह आदेश...
जोधपुर राजस्थान उच्च न्यायालय ने सहमति से तलाक मामलों को लेकर एक आदेश दिया है। उदयपुर फैमिली कोर्ट के एक आदेश को अपास्त न करते हुए यह आदेश दिया हैं। आदेश में कहा गया है कि फैमिली कोर्ट की धारा 13 बी के अन्तर्गत आपसी सहमति से तलाक के के लिए छह माह से अधिक इंतजार नहीं करावें। न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने याचिकाकर्ता को पति पत्नि की ओर पेश याचिका पर यह आदेश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद फैमिली की कोर्ट की ओर से छह माह से अधिक का समय लिया जा ला रहा है। न्यायालय ने यह आदेश पारित किया कि यदि पति पत्नी दोनों अपनी इच्छा से तलाक चाहते हैं तो वह दोनों कोर्ट में मुकदमे लगाने से पूर्व भी यदि 6 महीने 1 साल से अलग रह रहे हैं, तो कोर्ट उनको मुकदमा पेश करने के तुरंत पश्चात निरीक्षण करेगा। अथवा जल्दी से जल्दी दोनों पति पत्नी को अपनी सहमति के पश्चात तलाक करवाएगा। रवि पंवार अतिरिक्त राज्य के अधिवक्ता एवं सहायक अधिवक्ता गजेंद्र पंवार की ओर से बहस करते हुए बताया, कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पति पत्नी कितने पढ़े लिखे और समझदार हैं कि वह अपनी चल रही पारिवारिक परेशानी को देखते हुए कोर्ट में लगाई गई 13इ की अर्जी को शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण करना चाहते हैं, जिससे वह अपने जीवन का सुचारू रूप से निर्वाह कर सकें।
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