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जयपुर में 8 साल बाद मना क्रिकेट का जश्न, अब तक ललित मोदी बने थे सबसे बड़ा रोड़ा! पढ़ें- पूरी कहानी

जयपुर राजस्थान प्रदेश के क्रिकेट प्रेमियों के लिए बुधवार का दिन बड़ा हैं। 8 साल बाद गुलाबी नगर जयपुर में क्रिकेट प्रेमियों को टी-20 के फटा...

जयपुर राजस्थान प्रदेश के क्रिकेट प्रेमियों के लिए बुधवार का दिन बड़ा हैं। 8 साल बाद गुलाबी नगर जयपुर में क्रिकेट प्रेमियों को टी-20 के फटाफट क्रिकेट का रोमांच महसूस हुआ। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन से पूर्व आरसीए अध्यक्ष ललित मोदी का रोड़ा हट जाने पर यह संभव हो पाया है। क्योंकि बीसीसीआई ने यह शर्त लगा दी थी कि यदि राजस्थान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच का आयोजन मांगता है तो पहली शर्त है, वह सबसे पहले ललित मोदी से अपने सभी संबंध खत्म करें। ललित मोदी का रोड़ा हट जाने के बाद अब फिर से जयपुर के सवाईमान सिंह स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मुकाबला हुआ। भारत और न्यूजीलैंड के बीच बुधवार शाम को मैच हुआ, जिसमें टीम इंडिया ने 5 विकेट से जीत दर्ज की। यही नहीं अगले साल 2022 फरवरी माह में यहां पर भारत और वेस्टइंडीज के बीच अंतरराष्ट्रीय वन-डे क्रिकेट मैच खेला जाएगा। इसलिए इतने दिन तक क्रिकेट से महरूम रहे राजस्थानी बीसीसीआई की मांग मानने के लिए पूर्व आरसीए अध्यक्ष सीपी जोशी ने जब ललित मोदी को राजस्थान क्रिकेट से बेदखल करने की कोशिश की। इस पर कुछ लोग कोर्ट चले गए थे। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजन की मंजूरी बीसीसीआई से मिलने का मामला अटक गया था। लेकिन आखिरकार अब राजस्थान क्रिकेट से ललित मोदी की पूरी तरह से विदाई हुई और क्रिकेट के दिन फिर लौट आए। दो साल पहले हटाया बैन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ( बीसीसीआई ) ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को 7 सितंबर 2019 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजन की मान्यता दी थी। ललित मोदी के साथ राजस्थान क्रिकेट के रिश्ते की वजह से बीसीसीआई ने 2014 से ही आरसीए की मान्यता खत्म कर दी थी। क्रिकेट के प्रति दिलचस्पी रखने वालों में खुशी है कि एक बार फिर से जयपुर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना शुरू हुआ है। नागौर संघ और ललित मोदी का पेंच फंसा बीसीसीआई की सबसे बड़ी मांग थी कि ललित मोदी के साथ राजस्थान क्रिकेट अपने सारे रिश्ते खत्म करें। लेकिन इसमें समस्या यह आ रही थी कि नागौर जिला क्रिकेट संघ ललित मोदी से अपना रिश्ता खत्म नहीं कर रहा था। और मोदी वहां क्लब के मेंबर बने हुए थे। और यही रोडा सबसे बड़ा राजस्थान क्रिकेट भविष्य के बीच बना हुआ था। जैसे ही ललित मोदी का हस्तक्षेप राजस्थान क्रिकेट से खत्म हुआ राजस्थान क्रिकेट की नई राह खुली। 2005 में शुरू हुआ था ललित मोदी का दबदबा राजस्थान क्रिकेट में ललित मोदी का कार्यकाल लंबे समय तक रहा है। ललित मोदी की एंट्री राजस्थान क्रिकेट में साल 2005 में शुरू हुई थी। उस समय ललित मोदी नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष बने। लेकिन वह भी ललित कुमार के नाम से उस वक्त रूंगटा गुट का वर्चस्व राजस्थान के क्रिकेट में माना जाता था। साल 2005 से वर्ष 2009 तक ललित मोदी आरसीए के अध्यक्ष रहे। साल 2009 के दिसंबर माह में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव हुए। ललित मोदी को सीपी जोशी ने चुनाव में हराया और यहीं से राजस्थान की क्रिकेट में सीपी जोशी युग की शुरुआत हुई। लंदन में बैठकर लड़ा चुनाव राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में साल 2013 दिसंबर में चुनाव हुए। लेकिन कोर्ट ने चुनाव के परिणाम पर रोक लगा दी थी। 6 मई 2014 को चुनाव के परिणाम घोषित और ललित मोदी ने रामपाल शर्मा को अध्यक्ष पद पर पराजित किया। जिसके बाद मोदी ने एक बार फिर राजस्थान के क्रिकेट में अपना वर्चस्व कायम किया। यह चुनाव ललित मोदी ने लंदन में बैठकर लड़ा। बीसीसीआई ने लगाया बैन मतभेद के कारण बीसीसीआई ने चेतावनी दी थी कि अगर ललित मोदी राजस्थान क्रिकेट में वापस आए तो राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को बैन कर दिया जाएगा। और हुआ भी यही अध्यक्ष पद पर जीत के साथ ही बीसीसीआई ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर बैन लगा दिया था। मोदी का कार्यकाल 4 साल का था लेकिन लोढ़ा समिति के मुताबिक 3 साल का कार्यकाल पूरा होने पर फिर से आरसीए के चुनाव हुए । मोदी नहीं आए तो बेटे की एंट्री कराई मोदी ने अपने बेटे रुचिर की एंट्री आरसीए के चुनाव में करवाई। जून 2017 को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव हुए। लेकिन मोदी के बेटे रुचिर मोदी को हार का सामना करना पड़ा और सीपी जोशी आरसीए की सत्ता पर काबिज हुए। लम्बे अंतराल के बाद जाकर बीसीसीआई राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजन के लिए माना। बुधवार को राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में बिना दर्शकों के कोविड काल के कारण टी-20 मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुआ।


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