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Agriculture Bill Rolled Back : देश के इस राज्य में कृषि कानून वापस लिए जाने पर भी नहीं पड़ेगा कोई फर्क, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे

पटना शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान कर दिया है। लेकिन देश के एक राज्य में इसका कोई...

पटना शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान कर दिया है। लेकिन देश के एक राज्य में इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। वो राज्य है बिहार... यहां पढ़िए कि क्यों बिहार को कृषि कानून वापस लिए जाने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बिहार में 15 साल पहले ही नीतीश लागू कर चुके यही कानून जिस कानून को लेकर किसान संगठनों ने केंद्र सरकार की नाक में दम कर दिया। वो कानून पीएम मोदी ने खुद वापस लेने का ऐलान कर दिया है। लेकिन यही कानून बिहार में 15 साल पहले ही लागू किया जा चुका है। बिहार में लालू-राबड़ी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने राज में सबसे पहले यही कानून पास किया था। बिहार में 2006 में ही खत्म कर दिया गया था APMC एक्ट2006 में ही बिहार देश का पहला राज्य बन गया था जिसने APMC एक्ट (Agricultural Produce Market Committee Act) खत्म कर दिया था। इसके बाद बिहार में जिसने निजी कंपनियों को किसानों से सीधे खरीद की सुविधा मुहैया कराई गई। हालांकि तब इस नए कृषि कानून पर बिहार में हायतौबा नहीं मची। तब बिहार में बाजार समितियां बन गईं थीं भ्रष्टाचार का अड्डा पटना के शिक्षाविद् और एक्सपर्ट डॉक्टर संजय कुमार के मुताबिक 2005 तक बिहार में बाजार समितियां भ्रष्टाचार का अड्डा हो गई थीं। वहां पर दबंग अपने तरीके से ठेकेदारी करने लगे थे। जिसका सीधा नुकसान किसानों को हो रहा था। वो मेहनत करके फसल तो उपजाते थे लेकिन बदले में उन्हें इतने पैसे मिलते थे जो लागत से कम होते थे। चुंकि नीतीश ने बिहार में नई-नई सत्ता संभाली थी तो उन्हें इस सिस्टम का बखूबी ज्ञान था। जनता से सुशासन का वादा भी था और बिहार में किसान वोटरों की एक बड़ी तादाद है। डॉक्टर संजय कुमार के मुताबिक उसी वक्त नीतीश ने APMC एक्ट को खत्म कर दिया और इसकी जगह पैक्स सिस्टम लागू कर दिया। इससे किसानों को ये फायदा हुआ कि उन्हें पता चल गया कि उनकी फसल का बाजार भाव एक ही रहेगा न कि दबंगों के सिस्टम के हिसाब से बदलते रहेगा। जाहिर है कि बिहार में अब तक वो कानून लागू है। केंद्र के कृषि कानून को वापस लेने से भी इसी वजह से बिहार पर कोई खास फर्क नहीं पड़नेवाला। कृषि कानून वापस लेते वक्त क्या कहा पीएम मोदी ने शुक्रवार की सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन दिया। इस संबोधन में उन्होंने कहा कि 'साथियों, मैं देशवासियों से क्षमा मांगते हुए, सच्चे मन से और पवित्र हृदय से कहना चाहता हूं कि शायद हमारी तपस्या में ही कोई कमी रह गई होगी जिसके कारण दिए के प्रकाश जैसा सत्य, कुछ किसान भाइयों को हम समझा नहीं पाया। आज गुरु नानकदेव जी का प्रकाश पर्व है। यह समय किसी को भी दोष देने का नहीं है। आज मैं आपको, पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।'


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