पटनाराजनीति को लेकर अक्सर आम लोगों की ये शिकायत रहती है कि इस पेशे में पढ़े-लिखे लोगों की तादाद न के बराबर है। खासकर पंचायत चुनाव को लेकर। म...

राजनीति की ये खामी रही है कि कोई भी शख्स इसे अपना सकता है। इसके लिए योग्यता कोई मायने नहीं रखता। जबकि जीतने वाले का काम ही कायदे-कानून को जानना और बनाना होता है। मगर बिहार पंचायत चुनाव के रिजल्ट उम्मीदों को जगा रहे हैं।

पटना
राजनीति को लेकर अक्सर आम लोगों की ये शिकायत रहती है कि इस पेशे में पढ़े-लिखे लोगों की तादाद न के बराबर है। खासकर पंचायत चुनाव को लेकर। मगर बिहार में काफी कम उम्र के शिक्षित लड़कियां जीत का पताका लहरा रहीं हैं। जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
भागलपुर में 21 साल की आयशा बनीं मुखिया

भागलपुर की सबसे कम उम्र की महिला मुखिया के तौर पर आयशा खातून ने जीत दर्ज कीं। ये फतेहपुर पंचायत से उम्मीदवार थीं। आयशा ने मीडिया को बताया कि वो सबौर कॉलेज के बीए पार्ट थ्री (राजनीति शास्त्र) की छात्रा हैं। 22 जुलाई 2017 को उनका विवाह मो ताज हुसैन से हुआ, जो एक इंजीनियर हैं। जीत के बाद आयशा ने कहा कि अब खुलकर क्षेत्र का विकास करेंगी। इसमें सड़क से लेकर शिक्षा तक शामिल होगा।
शिवहर में 21 साल की मुखिया बनीं अनुष्का

शिवहर जिले में 21 साल की अनुष्का गांव की सरकार चला रही हैं। बिहार पंचायत चुनाव में उन्होंने कुशहर पंचायत से जीत दर्ज कीं हैं। अनुष्का कुमारी ने बेंगलुरू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कीं और पंचायत चुनाव में हाथ आजमाया। उन्होंने कहा कि वो अपनी पंचायत की किस्मत बदलने के लिए काम करेंगी।
छपरा में छात्रा चलाएगी गांव की सरकार

छपरा में बनियापुर प्रखंड के रामधनाव पंचायत के लोगों ने एक युवती पर भरोसा दिखाया। महज 22 वर्ष की उम्र में अंजनी कुमारी ने मुखिया पद पर जीत दर्ज की। बीए पार्ट थ्री की छात्रा हैं और जो वेस्टेज कंपनी में नेटवर्क मार्केटिंग का काम करती हैं। अंजनी के चाचा प्रभुनाथ मांझी ने कहा कि लोग अब जाति-समाज के भेदभाव से ऊपर उठकर पंचायत के विकास के लिए शिक्षित और स्वच्छ छवि के उम्मीदवार को अपने जनप्रतिनिधि के रूप में पसंद कर रहे हैं।
कटिहार में 12वीं की छात्रा बनी वार्ड पार्षद

कटिहार पंचायत चुनाव में 21 साल की खुशबू वार्ड सदस्य चुनी गईं। आजमनगर प्रखंड के मर्वतपुर पंचायत के वार्ड संख्या एक से खुशबू कुमारी पहली बार चुनाव जीती हैं। उनके मुकाबले में कई प्रत्याशी मैदान में थे। लेकिन जनता ने गांव की लाडली को प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है। खुशबू कुमारी 12वीं की छात्रा हैं।
जमुई में डॉक्टर जीत गया मुखिया का चुनाव

जमुई के लोगों ने भी कमाल कर दिया। योग्यता को तवज्जो देने के मामले में निराशा के बीच आशा की किरण खैरा प्रखंड की बानपुर पंचायत से दिखाई दी। यहां मेडिसीन में एमडी तक की यूक्रेन (विदेश) में पढ़ाई करनेवाले डॉक्टर इबरार को विकास और सुधार की जिम्मेदारी दे दी। डॉ इबरार कोलकाता में रहकर एक बड़े अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे थे। इस बीच काफी लंबे अरसे बाद लॉकडाउन में गांव आए तो फिर इनकी समस्याओं के खुद को दूर नहीं रख सके।
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